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लोकसभा में सुप्रिया ताई, विधानसभा में मैं… शरद पवार के विचार से चलती है एनसीपी’

महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है.

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीते कुछ दिनों के बयानों से ऐसा लगता है कि भाजपा और एनसीपी के रिश्ते सहज नहीं रह गए हैं. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या अजीत पवार वापस चाचा शरद पवार के साथ जाएंगे?

: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब मात्र तीन बचे हैं. सोमवार को चुनाव प्रचार खत्म हो रहा है. इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने एक बयान से राजनीतिक संशय की स्थिति पैदा कर दी है. भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही एनसीपी के प्रमुख ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी पार्टी चाचा शरद पवार से विचारों को मानती है. उनकी विचारधारा ही पार्टी की विचारधारा है. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक और सबसे अहम सवाल शरद पवार और अजीत पवार के फिर से एक होने की संभावना पर उन्होंने कहा कि वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. मुझे इस वक्त महायुती को जिताने में हेल्प करना है.

सीएनएन-न्यूज18 से एक्सक्लूसिव तौर पर बात करते हुए अजीत पवार ने एक बार फिर कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में बारामती से उनकी पत्नी सुनेत्रा को मैदान में उतारना उनकी गलती थी. बारामती की जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया और मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं. अब बारामती की जनता ने तय कर लिया है कि लोकसभा में सुप्रिया ताई और विधानसभा में मुझे अपना समर्थन देगी. एनसीपी की विचारधारा को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी शरद पवार की विचारधारा से चलती है. वह धर्मनिरपेक्षता में भरोसा करते हैं.

अजीत पवार के बयान के मायने
मतदान से ठीक पहले अजीत पवार के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बीते दिनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का भी अजीत पवार ने विरोध किया था. उनके विरोध करने के बाद राज्य के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दादा योगी के नारे का मतलब नहीं समझ रहे हैं. इन सभी बयानों के देखने से स्पष्ट होता है कि भाजपा और एनसीपी के बीच रिश्ते सहज नहीं रह गए हैं.

दूसरी तरफ संघ ने भी विधानसभा चुनाव में एनसीपी के संभावित प्रदर्शन को एक रिपोर्ट तैयार की है. इस बारे में पूछे जाने पर अजीत पवार ने कहा कि मैं अपने सहयोगी दलों से बात करता हूं. दूसरा कोई क्या कहता है वह मेरे दायरे में नहीं है. वे जो रिपोर्ट देना चाहते हैं दे… उनका उससे कुछ लेना देना नहीं है. बंटेंगे तो कटेंगे नारे के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा के भी कई नेताओं ने अलग-अलग राय रखी है. चाहे वो नितिन गडकरी हों या अशोक चव्हाण हों.

नवाब मलिक निर्दोष
नवाब मलिक को सपोर्ट करने के मसले पर अजीत पवार ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. मैं उन्हें 1990 के दशक से जानता हूं. उन्होंने पार्टी के लिए बहुत काम किया है. उनके खिलाफ जांच चल रही है लेकिन मुझे भरोसा है कि वह निर्दोष साबित होंगे.

मुस्लिम आरक्षण के मसले पर उन्होंने कहा कि हमने मुस्लिमों को पांच फीसदी और मराठाओं को 10 फीसदी आरक्षण दिया था. इसपर कानूनी लड़ाई चली. हम सुप्रीम कोर्ट में इसका बचाव करेंगे. राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़कर 72 फीसदी हो गई है. शरद पवार के रिटायर्मेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि बारामती की जनता तय करेगी.

मैं अकेला नहीं
अपने खिलाफ सगे भतीजे युगेंद्र की उम्मीदवार के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीति में युवा चेहरों को आना चाहिए लेकिन, पहले उन्हें अनुभव लेना चाहिए. साहेब ने उन्हें केवल इसलिए टिकट दिया क्योंकि वह चाहते थे. बारामती की लड़ाई के बारे में उन्होंने कहा कि इस बार में अकेला नहीं हूं. मेरा परिवार मेरे साथ है. मेरी बहनें, पत्नी, मां, मामा का परिवार सब साथ हैं. लोकसभा में मैं अकेला था क्योंकि परिवार को सुनेत्रा का चुनाव लड़ना पसंद नहीं था

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