ठगी का तरीका
ठगी करने वाले गिरोह ने एक नई और उन्नत तकनीकी तरीके का इस्तेमाल किया था। आरोपी लोगों को फोन कॉल्स और अन्य डिजिटल माध्यमों से संपर्क कर ठगी का शिकार बनाते थे। उनके द्वारा की गई धोखाधड़ी का मुख्य तरीका था – लोगों से पैसे वसूलने के लिए फर्जी योजनाओं का प्रचार करना। इसके तहत आरोपियों ने विभिन्न प्रकार के निवेश और वित्तीय योजनाओं के नाम पर लोगों को आकर्षित किया और उनसे पैसे लिए। धीरे-धीरे इन ठगों ने अपनी जालसाजी को एक बड़े नेटवर्क में फैलाया, जिसके कारण उन्हें भारी रकम मिलती गई।
पुलिस की कार्रवाई
पलवल पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर इन आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की और कई ठगी के मामले सुलझाए। पुलिस ने बताया कि आरोपी जब गिरफ्तार किए गए तो उनके पास से 35 मोबाइल फोन, कई लग्जरी कारें और 9 लाख रुपये की नगद राशि बरामद हुई। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि ये आरोपी पूरी तरह से संगठित गिरोह की तरह काम कर रहे थे, जो विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी और जालसाजी में लिप्त थे।
पुलिस के अनुसार, ये लोग लोगों को विभिन्न प्रकार की फर्जी योजनाओं के बारे में जानकारी देते थे और उन्हें निवेश करने के लिए बहलाते थे। फिर, लोग विश्वास कर पैसे निवेश कर देते थे और ठग उन्हें अपनी योजनाओं का हिस्सा दिखा कर पैसा हड़प लेते थे।
ठगी से संबंधित अन्य जानकारी
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पिछले कुछ सालों में 70 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। आरोपियों ने यह रकम विभिन्न तरीकों से जमा की थी, जैसे कि फर्जी निवेश योजनाएं, जालसाजी के जरिए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करना, और अन्य तरीके शामिल थे। इस गिरोह की गतिविधियां विभिन्न राज्यों में फैली हुई थीं, और पुलिस ने अन्य स्थानों पर भी जांच शुरू कर दी है ताकि और अपराधियों तक पहुंचा जा सके।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
पलवल पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से पूछताछ की और कई अहम जानकारियां हासिल कीं। पुलिस का कहना है कि यह एक बड़ा नेटवर्क था और कई और लोग भी इस रैकेट से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वह किसी भी तरह के फर्जी निवेश योजनाओं से बचें और ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी बताया कि इन ठगों ने समाज के विभिन्न वर्गों को निशाना बनाया था, जिसमें सामान्य नागरिकों से लेकर व्यवसायिक वर्ग तक शामिल था।
निष्कर्ष
पलवल में पुलिस ने जिस तरह से इस ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है, वह निश्चित ही एक बड़ी सफलता है। इन ठगों के द्वारा की गई धोखाधड़ी से कई लोग प्रभावित हुए थे और लाखों रुपये गवा चुके थे। अब पुलिस की कार्रवाई से इस गिरोह की धरपकड़ और अन्य ठगों तक पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा, यह घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि लोग अपने पैसे निवेश करते समय बहुत सावधानी बरतें और ठगों के जाल में न फंसे।