अहंकार के विनाश से ही मानवता का उत्थान होता है -, डॉ मदन मोहन मिश्र
जौनपुर।सूरापुर,पंच मुखेश्वर महादेव मंदिर भवानीपुर में आयोजित श्रीराम कथा में दूसरे दिन बुधवार को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए मानस मर्मज्ञ डा मदनमोहन मिश्रा ने कहा कि अहंकार के विनाश से ही मनुष्य का कल्याण संभव है। जब हम सब कर्म रूपी धान लगाते हैं तब प्रशंसा का पानी बरसता है। अहंकार की घास बढ़ती है। विवेक की खुरपी से जब हम अहंकार की घास को बाहर निकालते हैं तभी सत्कर्म का धान पच पाता है।
उन्होंने कहा कि आज सोफा सेट, बेड सेट, टीवी सेट, टी सेट तो है किंतु दिमाग अपसेट है। जब हम सत्संग में समय देंगे तो जीवन का तनाव समाप्त होगा बड़ों के प्रति समर्पण छोटों का संरक्षण एवं आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
काशी से आए राष्ट्र वादी कथाकार पंडित सचिदानंद त्रिपाठी ने कहा कि जब हमारे जीवन में प्रपंच का विस्मरण होगा भगवता स्मरण होगा। सद्गुरु महात्मा की सरल होगी तो निश्चय ही मरण मंगलमय होगा।
प्रतापगढ़ से आए मानस प्रवक्ता आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जीवन जीने की एक कला है। जिसमें हम दूसरों की सेवा करें भगवान नाम का जप करें और किसी का अहित ना करें हम बाग लगाने का काम तो करें लेकिन किसी के जीवन में आग ना लगाएं दीप जलाने का काम करें। लेकिन किसी का दिल ना जलाएं श्री राम पशुता में भी मानवता लाते हैं। सभी बंदर भालू को मानवता की शिक्षा दे देते हैं जबकि रावण मनुष्य को भी पशु बनाना चाहता है। श्री राम सीता की रक्षा करने वाले जटायु को अपने गोद में रखकर उद्धार कर देते हैं जबकि उत्तम कुल में उत्पन्न हुए रावण को उसके अनाचार अत्याचार एवं सीता का हरण करने के कारण बंद कर देते हैं रामचरितमानस में समाज के सभी वर्गों का कल्याण एवं जीवन की समस्याओं का समाधान है।
कथा प्रारम्भ से पूर्व युवा भोजपुरी लोक गायक राहुल पाण्डेय रमन ने भजन प्रस्तुत कर आत्म विभोर कर दिया।
इससे पूर्व व्यास पीठ व हनुमान जी की आरती मंदिर के प्रधान पुजारी सानू पाठक व सुरेश गुप्ता ने आरती पूजन किया। मौके पर प्रमोद मिश्रा अरविंद पाण्डेय, शैलेश गुप्ता, सूरज विश्वकर्मा,शिवम अग्रहरि, प्रेम प्रकाश जायसवाल सहित लोग मौजूद रहे।