
संभल हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान माहौल बिगड़ने के डर से पहले ही स्थानीय प्रशासन ने दूसरे जिलों की फोर्स बुला ली थी। सुरक्षा के लिहाज से अमरोहा अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार सिंह, सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह, सीओ दीप कुमार पंत के अलावा रामपुर, मुरादाबाद की भी फोर्स बुला ली गई थी। जामा मस्जिद के आस-पास के इलाका की कमान अमरोहा एएसपी के कब्जे में रही। ये वही इलाका है जहां हिंसा हुई है। आपको बता दें कि जुमे से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन सतर्कता बरत रहा था, पोस्ट करने वाले आरोपी युवक को गिरफ्तार करने के साथ ही कई लोगों को मुचलकों में पाबंद किया गया था, साथ ही शहर में भारी पुलिस, पीएसी और आरआरएफ तैनात की गई थी।

सूचनाओं पर दौड़ती रही पुलिस
शहर में बिगड़ते हालातों को काबू पाने के लिए पुलिस ने नगर कोतवाली को मुख्य बिंदु बनाया। इसके बाद जैसे ही माहौल बिगड़ने की सूचना मिली तो तुरंत फोर्स ने दौड़ लगा दी। इस दौरान भीड़ में पुलिस प्रशासनिक अमले पर पत्थर के अलावा जूते-चप्पल भी फेंके। रुक-रुक कर करीब तीन घंटे तक बवाल मचा रहा। पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
शहर में बिगड़ते हालातों को काबू पाने के लिए पुलिस ने नगर कोतवाली को मुख्य बिंदु बनाया। इसके बाद जैसे ही माहौल बिगड़ने की सूचना मिली तो तुरंत फोर्स ने दौड़ लगा दी। इस दौरान भीड़ में पुलिस प्रशासनिक अमले पर पत्थर के अलावा जूते-चप्पल भी फेंके। रुक-रुक कर करीब तीन घंटे तक बवाल मचा रहा। पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

निर्माणाधीन मकानों के लिए आईं ईंटें बनीं उपद्रवियों का हथियार
जामा मस्जिद के नजदीक बवाल के दौरान हजारों लोगों की भीड़ थी। पथराव करने के लिए भीड़ ने उन ईंटों को हथियार बनाया जो जामा मस्जिद के आसपास मकानों के निर्माण के लिए लोगों ने लाकर रखी थीं। हजारों ईंटों को पत्थरबाजों ने बर्बाद कर दिया और जो ईंटें बचीं वह नगर पालिका की टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले गई।
जामा मस्जिद के नजदीक बवाल के दौरान हजारों लोगों की भीड़ थी। पथराव करने के लिए भीड़ ने उन ईंटों को हथियार बनाया जो जामा मस्जिद के आसपास मकानों के निर्माण के लिए लोगों ने लाकर रखी थीं। हजारों ईंटों को पत्थरबाजों ने बर्बाद कर दिया और जो ईंटें बचीं वह नगर पालिका की टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले गई।

जलती कार से बिजली के तारों में लगी आग
उपद्रवियों ने जामा मस्जिद के पीछे एक कार को फूंक दिया। इस कार की लपटें जब बिजली के तारों तक पहुंची तो तार जलने लगे। बिजली आपूर्ति सुचारु होने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। करीब 10 मिनट तक बिजली के तारों में आग जलती रही। इस दौरान पुलिस को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े। दमकल की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू किया।
उपद्रवियों ने जामा मस्जिद के पीछे एक कार को फूंक दिया। इस कार की लपटें जब बिजली के तारों तक पहुंची तो तार जलने लगे। बिजली आपूर्ति सुचारु होने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। करीब 10 मिनट तक बिजली के तारों में आग जलती रही। इस दौरान पुलिस को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े। दमकल की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू किया।

अपनी बाइकें जलती देख भावुक हुए दो दरोगा
उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही उनके वाहनों में भी आग लगा दी। इसमें बहजोई थाने के दरोगा विकास कुमार और हयातनगर थाने में तैनात दरोगा किशन कुमार की बाइक भी शामिल थी। दोनों ही दरोगा बाइकों को जलता हुआ देखकर भावुक हो गए। दोनों दरोगाओं ने बताया कि वह ड्यूटी के लिए आए थे। जामा मस्जिद के नजदीक ही फोर्स तैनात थी और वहीं बाइकों को खड़ा कर दिया था, लेकिन उपद्रवियों ने बाइकें फूंक दीं।
उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही उनके वाहनों में भी आग लगा दी। इसमें बहजोई थाने के दरोगा विकास कुमार और हयातनगर थाने में तैनात दरोगा किशन कुमार की बाइक भी शामिल थी। दोनों ही दरोगा बाइकों को जलता हुआ देखकर भावुक हो गए। दोनों दरोगाओं ने बताया कि वह ड्यूटी के लिए आए थे। जामा मस्जिद के नजदीक ही फोर्स तैनात थी और वहीं बाइकों को खड़ा कर दिया था, लेकिन उपद्रवियों ने बाइकें फूंक दीं।

उपद्रव देख पीछे हटी आरएएफ
मंगलवार से ही संभल शहर में दो कंपनी आरआरएफ की तैनात है। रविवार को जब बवाल हुआ तो आरआरएफ के जवान अपने कदम पीछे खींचते हुए दिखाई दिए। थानों से बुलाई गई फोर्स ने उपद्रवियों का डटकर मुकाबला किया। तमाम उपद्रवियों को खदेड़ा और कई लोगों को हिरासत में लिया। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि उपद्रवियों ने पथराव के दौरान फोर्स को घेरने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने डटकर मुकाबला किया, जिससे उपद्रवियों को खदेड़ा जा सका।
मंगलवार से ही संभल शहर में दो कंपनी आरआरएफ की तैनात है। रविवार को जब बवाल हुआ तो आरआरएफ के जवान अपने कदम पीछे खींचते हुए दिखाई दिए। थानों से बुलाई गई फोर्स ने उपद्रवियों का डटकर मुकाबला किया। तमाम उपद्रवियों को खदेड़ा और कई लोगों को हिरासत में लिया। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि उपद्रवियों ने पथराव के दौरान फोर्स को घेरने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने डटकर मुकाबला किया, जिससे उपद्रवियों को खदेड़ा जा सका।

बहराइच के बाद संभल में हिंसा चूक की वजह तलाशना शुरू
बहराइच के बाद संभल में हिंसा भड़कने की घटना ने पुलिस की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है। आलाधिकारियों के तमाम दिशा-निर्देश के बावजूद संभल में अचानक हालात बेकाबू होने की वजहों की तलाश की जा रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने पत्थरबाजी करने वाले अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। एहतियात के तौर पर आसपास के जिलों से पुलिस बल को संभल भेजा गया है।
बहराइच के बाद संभल में हिंसा भड़कने की घटना ने पुलिस की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है। आलाधिकारियों के तमाम दिशा-निर्देश के बावजूद संभल में अचानक हालात बेकाबू होने की वजहों की तलाश की जा रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने पत्थरबाजी करने वाले अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। एहतियात के तौर पर आसपास के जिलों से पुलिस बल को संभल भेजा गया है।

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ईंटों के ढेर के नजदीक से पथराव करते उपद्रवी
डीजीपी ने बताया कि संभल में शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे की कार्यवाही चल रही थी, जिसमें कुछ अराजक तत्वों ने खलल डालकर माहौल बिगाड़ने की साजिश रची है। ऐसे तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईजी रेंज मुरादाबाद रमित शर्मा को संभल भेजा गया है। इसके अलावा जोन और रेंज के कई अन्य अधिकारी भी मौके पर भेजे गए हैं। संभल पुलिस को चार कंपनी पीएसी और एक कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स दी गई है।

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संभल में जामा मस्जिद के नजदीक पुलिस पर पथराव करते उपद्रवी
कई महीनों से चल रही थी तैयारी
बता दें कि त्योहारों के दृष्टिगत पूरे प्रदेश में कई महीनों से प्रशासन और पुलिस अपनी तैयारियों में जुटा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत आलाधिकारी जिलों के कप्तानों से धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों के साथ संवाद बनाए रखने का निर्देश देते रहे। सभी जिलों में दंगा नियंत्रण का लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था। इसके बावजूद संभल में अचानक भड़की हिंसा के बाद हालात काबू करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिससे जान- माल का नुकसान भी हुआ है।
बता दें कि त्योहारों के दृष्टिगत पूरे प्रदेश में कई महीनों से प्रशासन और पुलिस अपनी तैयारियों में जुटा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत आलाधिकारी जिलों के कप्तानों से धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों के साथ संवाद बनाए रखने का निर्देश देते रहे। सभी जिलों में दंगा नियंत्रण का लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था। इसके बावजूद संभल में अचानक भड़की हिंसा के बाद हालात काबू करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिससे जान- माल का नुकसान भी हुआ है।

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संभल में जामा मस्जिद के पीछे उपद्रवी पुलिस पर पथराव करते हुए
संभल में मस्जिद के सर्वे पर बवाल, हिंसा में 5 की मौत
संभल शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। रविवार सुबह अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
संभल शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। रविवार सुबह अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

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उपद्रवियों द्वारा कार में आग लगाई जो बाद में बिजली के तारों में लग गई
सर्वे टीम कोर्ट कमिश्नर चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव की अगुवाई में आई थी। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी टीम के साथ थे। बाहर हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाकर हिंसक लोगों को दौड़ाया और सर्वे टीम को सुरक्षित मस्जिद से बाहर निकाला। कुछ देर में भीड़ फिर जुट गई और पथराव शुरू कर दिया। फायरिंग भी की गई।

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हिंसा में पथराव… गली में बैठे पुलिसकर्मी
मौके पर पहुंची अन्य जिलों की पुलिस और पीएसी के साथ अधिकारियों ने उपद्रव करती भीड़ से मोर्चा लिया। इसके बावजूद करीब डेढ़ घंटे हालात बेकाबू रहे। जैसे-तैसे भीड़ को तितर-बितर कर पुलिस आगे बढ़ी। पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी। इस बीच पूरे शहर में तनाव गहरा गया। शाम होने तक सख्ती इतनी बढ़ा दी गई कि शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया।

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संभल में बवाल कर रहे लोगों में से एक आरोपी को पकड़कर लाते पुलिसकर्मी
हिंसा का शिकार युवकों के परिजनों ने पुलिस की गोली से मौत होने की बात कही है। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि तीन युवकों में दो की मौत गोली लगने से हुई है, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। तीसरे युवक की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। कमिश्नर के मुताबिक घायलों में डीआईजी, संभल के डीएम, एसपी और एसडीएम भी शामिल हैं
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