
*कारण बताओं नोटिस जारी करके 20 लाख रुपए के फर्जी भुगतान मामले को रफा-दफा करने में जुटे जिम्मेदार अधिकारी*
बस्ती (दुबौलिया ) – विकासखण्ड दुबौलिया के ग्राम पंचायत पायकपुर में मनरेगा कार्य के नाम पर 20 लाख रुपए के फर्जी भुगतान का मामला प्रकाश में आया था । इस फर्जी भुगतान मामले का खुलासा मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह के निर्देश पर गठित जांच टीम ने जांच करके किया था । ग्राम पंचायत पायकपुर के फर्जी भुगतान मामले की जांच के लिए दो सदस्यों वाली टीम गठित हुई थी । दो सदस्यों की जांच टीम के लिए उपायुक्त श्रम रोजगार डीआरडीए बस्ती तथा सहायक अभियन्ता डीआरडीए बस्ती की संयुक्त टीम को नामित किया गया था । ग्राम पंचायत पायकपुर के घोटाले की जांच रविन्द्र कुमार शर्मा पुत्र राम मनोहर शर्मा के द्वारा 11 बिन्दुओं की शिकायत पर किया गया था । रविन्द्र कुमार शर्मा ने ग्राम प्रधान जितेन्द्र कुमार , सचिव शेष राम दिवाकर एवं तकनीकी सहायक सुनील चक्रवर्ती पर ग्राम पंचायत पायकपुर में बिना मनरेगा कार्य कराये लगभग 20 लाख रुपये बन्दरबांट करने का आरोप लगाया था । दो सदस्यों की जांच टीम ने 11 बिन्दुओं की जांच में पाया कि मनरेगा कार्य के नाम पर फर्जी भुगतान हुआ है । जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट दिनांक – 24 – 08 – 2023 को मण्डलायुक्त , डीएम और सीडीओं को भेज दिया था । मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने डीसी मनरेगा को ग्राम प्रधान , सचिव एवं तकनीकी सहायक को कारण बताओं नोटिस जारी करके मनरेगा फर्जीवाड़ा मामले में जांच आख्या के आधार पर सरकारी धन का बन्दरबांट किये गये लगभग 20 लाख रुपए की रिकवरी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान , सचिव एवं तकनीकी सहायक को कारण बताओं नोटिस जारी करके डीसी मनरेगा द्वारा उक्त मामले को रफा-दफा कर दिया है । 06 माह बीतने के बाद भी अभी तक ग्राम प्रधान , सचिव एवं तकनीकी सहायक के खिलाफ सरकारी धन की रिकवरी के लिए किसी कार्यालय से कोई नोटिस जारी नही हुआ है । ग्राम पंचायत पायकपुर ग्राम प्रधान जितेन्द्र कुमार , सचिव शेष राम दिवाकर एवं तकनीकी सहायक सुनील चक्रवर्ती द्वारा इतने बड़े पैमाने पर किये गये घोटले पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे जिले में भ्रष्टाचारियों का मनोबल बढ़ जायेगा और ग्राम पंचायत का विकास होने के बजाए विनाश होगा । वर्तमान समय में दुबौलिया ब्लाक के ग्राम पंचायत पायकपुर में लगभग 20 लाख रुपये मनरेगा फर्जीवाड़ा के मामले में तरह – तरह की चर्चाएं चल रही है । इस सम्बंध में जिलाधिकारी से जानकारी के लिए मीडिया टीम ने फोन किया लेकिन मीडिया टीम के फोन को जिलाधिकारी ने रिसीव नहीं किया ।