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जावरा -रमेश मनोहरा की कहानी बच्चों के लिए किलकारी की तरह होती हे, युवाओं के लिए प्रेरणा की तरह होती है और बुजुर्गों के लिए आशा की क्यारी होती है ।मनोहरा की कहानी में परिवार का भाव रहता है। आपने कहा की श्री रमेश मनोहरा को में पिछले 52 वर्षों से जानता हूं और पढ़ रहा हूं इन्होंने साहित्य सृजन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और देश के सभी साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में इनके व्यंग्य, आलेख ,दोहे ,कहानी छपती रहती है। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि आज मैं उनकी लघु कथा का विमोचन कर रहा हूं उपरोक्त विचार साहित्यकार प्रोफेसर अजहर हाशमी ने रतलाम स्थित अपने निवास पर रमेश मनोहरा की लघु कथा कहानी संग्रह का विमोचन करते हुए व्यक्त किया । श्री रमेश मनोहरा की 31वी पुस्तक का विमोचन प्रो.हाशमी के करकमलो से हुआ। उल्लेखनीय है की प्रोफेसर अजहर हाशमी ने अस्वस्थ होने के बावजूद पुस्तक विमोचन किया एवं अपनी शुभकामनाएं प्रदान की
इस अवसर पर श्री रमेश मनोहरा के साथ ही,अभय कोठारी ,गुलाम मोइनुद्दीन, गीतकार मनोहर मधुकर ओर रतलाम के साहित्यकार श्री कैलाश वशिष्ठ ,जुझार सिंह भाटी, सुभाष यादव ,प्रकाश हेमावत ने प्रो. अजहर हाशमी का पुष्प माला श्रीफल एवं अंग वर्ष पहनाकर सम्मान किया।
तत्पश्चात आदरणीय हाशमी साहब ने सभी उपस्थित साहित्यकारों को कलम भेंट कर आशीष प्रदान किया। इस अवसर पर अटल ग्राम विकास सामाजिक संगठन के संस्थापक श्री अभय कोठारी द्वारा प्रोफेसर अजहर हाशमी का पगड़ी ओर दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया तथा समग्र मालवा और जलमित्र समाचार पत्रिका भेट की गई।
कार्यक्रम का संचालन गीतकार मनोहर सिंह मधुकर ने किया और आभार श्री प्रकाश हेमावत ने माना।