
🚨 इमरान मसूद के होली खेलने पर उठे सवाल, उलेमाओं ने जताई नाराज़गी 🚨
➡ मुसलमानों में नाराज़गी, उलेमाओं ने जताई कड़ी आपत्ति
➡ इमरान मसूद ने दी सफाई – “मैं सर्वसमाज का नेता हूं”
➡ सोशल मीडिया पर वायरल हुईं रंग-बिरंगी तस्वीरें, बहस तेज़
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📰 सहारनपुर:
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद बीते दो दिनों से सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर उनकी होली खेलते हुए तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं। इनमें वे गुलाल में रंगे हुए और समर्थकों के साथ होली खेलते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद जहां कुछ लोग इसे गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं मुस्लिम उलेमा और कट्टरपंथी गुटों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है।
📌 उलेमाओं ने जारी किए फतवे, तौबा करने की दी सलाह
➡ कई उलेमाओं का कहना है कि “होली खेलना इस्लामिक शरीयत के खिलाफ है और यह माफी के लायक नहीं है।”
➡ कुछ कट्टरपंथी गुटों ने इमरान मसूद से तौबा करने की मांग की है।
➡ इससे पहले भी मंदिर जाने और गायत्री मंत्र जाप करने पर इमरान मसूद को विरोध झेलना पड़ा था।
🗣️ इमरान मसूद का बयान – “मैं सर्वसमाज का नेता हूं”
✔ इमरान मसूद ने कहा, “मैं सिर्फ मुसलमानों का नेता नहीं हूं, बल्कि सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करता हूं।”
✔ उन्होंने आगे कहा, “राजनीति में धर्म नहीं, बल्कि जनता की सेवा मायने रखती है।”
✔ उन्होंने मुस्लिम समाज को संदेश दिया कि “लीडर का काम धर्म देखकर तय मत करो, बल्कि यह देखो कि वह जनता के लिए कितना काम करता है।”
🔎 इमरान मसूद की राजनीतिक रणनीति या धर्म का मुद्दा?
🔸 इमरान मसूद पहले भी मंदिर जाने और गायत्री मंत्र जाप करने को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।
🔸 लोकसभा चुनाव से पहले उनका शाकुंभरी देवी मंदिर जाना भी सुर्खियों में रहा था।
🔸 जानकारों का मानना है कि “यह इमरान मसूद की राजनीतिक रणनीति हो सकती है, ताकि वे सभी समुदायों का समर्थन हासिल कर सकें।”
⚖️ क्या मुस्लिम समाज में राजनीति और धर्म अलग-अलग हो सकते हैं?
👉 कई मुस्लिम नेता अपने समुदाय की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हैं, जबकि इमरान मसूद जैसे नेता सर्वसमाज को साधने की कोशिश करते हैं।
👉 सवाल यह उठता है कि “क्या राजनीति में धर्म के आधार पर फैसले लिए जाने चाहिए?”
👉 मुस्लिम समाज में यह बहस भी तेज हो गई है कि “क्या हमें अपने नेता के काम देखने चाहिए या उसका धार्मिक पालन?”
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📢 निष्कर्ष:
इमरान मसूद का होली खेलना एक तरफ जहां सेक्युलर राजनीति की छवि पेश करता है, वहीं कट्टरपंथी उलेमा इसे इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं। यह मामला राजनीति और धार्मिक मान्यताओं के टकराव को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का इमरान मसूद की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
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📝 रिपोर्ट: एलिक सिंह (संपादक, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज)
📞 संपर्क: 8217554083
📌 जिला प्रभारी (BJAC), भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद्
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