

केंद्र,राज्य सरकार व्दारा गरीबों को घरकुल बनाने के लिये अनुदान देती है,अनुदान देहात,तथा शहरोंमे अनुदान अलग अलग होता है,पर आज सरकार द्वारा घरकुल का निधी आर रहा है,आधा अधूरा है,साथ मे सिमेंट, लोहा,खिडकी,सेंट्रिग, ईत्यादी की किंमते आसमान को छु रही है,वह बढतीही रहने वालीही है, सो जनता का कहना है की बांधकाम मे लगनेवाली रेत तो गायब ही हो गयी है,क्रेशर से आने वाली डस्ट का रेट कभी स्थिर ही नहीं, लगता है ईन क्रेशर उद्योग पर कीसी का नियंत्रण नही. गौरमतल यह है की महाराष्ट्र सरकार महंगाई के दौर मे कमसे कम ‘दस बरास’ रेत मोफत उपलब्ध कराये.यह स्थानिक जनता की मांग है.