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कान्हा गौशाला बांसी में गौवंशो की दिखी भयावह स्थिति

बीमार व मरी हुई गौवंशों को देख विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष ने जतायी आपत्ति, जिलाधिकारी ने निरीक्षण के लिये भेजा टीम

सिद्धार्थनगर. जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में नगर पालिका परिषद बांसी द्वारा संचालित कान्हा गौशाला जनियाजोत का स्थलीय निरीक्षण अपर जिलाधिकारी ने प्रभारी तहसीलदार बांसी राघवेन्द्र पाण्डेय एवं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बांसी डा० सी०एल० वर्मा के साथ किया निरीक्षण। निरीक्षण के समय 7 कर्मी सर्वजीत, राजू, अशफी, प्रेम, दीपू, तिलक एवं महेन्द्र उपस्थित पाये गये। कार्मिको द्वारा बताया गया कि गौशाला में कुल 228 गौवंश हैं, जिनके खान पान, स्वास्थ्य आदि का विशेष ध्यान दिया जाता है। निरीक्षण के दौरान पता चला कि कुल 03 गौवंश अस्वस्थ स्थिति में थे, जिनमें 01 का पैर टूटा था जबकि अन्य 02 गौवंश बीमार स्थिति में पाये गये। बताया गया कि 01 गौवंश की मृत्यु कल हो गयी थी जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बीमार गौवंश की चिकित्सा पूर्व से चल रही थी। निरीक्षण के समय भी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा० सी०एल० वर्मा एवं उनके सहायक दीनानाथ यादव फार्मासिस्ट द्वारा किया जा रहा था गौवंशों का इलाज़। बीमार 02 गोवंश की स्थिति में सुधार हो रहा है। गौशाला में भूसा दाना एवं हरा चारा आदि का निरीक्षण किया गया। कुल 03 कमरों में भूसा रखा हुआ था एवं बरसीम भी काटकर नाद में डाला जा रहा था। नाद में भी पर्याप्त मात्रा में हरा चारा मिश्रित भूसा दाना रखा हुआ पाया गया। एक छोटे कमरे में पशु आहार एवं चोकर आदि भी उपलब्ध पाया गया। कैम्पस में साफ सफाई की कमी पायी गयी, जिसके लिए सम्बन्धित कर्मचारियों तथा दूरभाष पर अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को भी निर्देशित किया गया। उक्त के अतिरिक्त जो गायें दूध दे रहीं हैं उनके भी समुचित खान पान दाना एवं नमक आदि को पर्याप्त मात्रा में दिये जाने का निर्देश दिया गया। यह भी निर्देशित किया गया कि परिसर सूखा रहे ताकि ठंडक में किसी भी प्रकार से गौवंशो को कोई असुविधा न होने पाये। यद्यपि कि कुछ गौवंश धूप में थे किन्तु ठंडक को देखते हुये कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि सभी गौवंशों को धूप में रखें और उस समय परिसर की साफ सफाई करा ली जाय। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बांसी द्वारा बताया गया कि सभी गौवंशों का टीकाकरण एवं दवा समय से करा दिया गया है। सभी गौवंशों में शत प्रतिशत अभियान के दौरान संरक्षित एवं पूर्व में संरक्षित गौवंशों पर पहचान हेतु टैग लगा दिया गया है। उपस्थित कर्मचारियों एवं अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को यह भी निर्देशित किया गया कि गौवंशों हेतु पर्याप्त पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करे। निरीक्षण के दौरान स्थिति संतोषजनक पायी गयी किन्तु अभी और सुधार की आवश्यकता है, जिसके लिए निर्देशित किया गया।

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