
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। सिद्धार्थनगर स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से संचालित हो रहे दो निजी अस्पतालों पर चलाया चाबुक,दो अवैध अस्पतालों को किया बंद।।
सिद्धार्थनगर जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से संचालित हो रहे दो निजी अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई की है।
सिद्धार्थनगर जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से संचालित हो रहे दो निजी अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत कुमार चौरसिया के नेतृत्व में टीम ने बांसी और सियारपार क्षेत्र में संचालित अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया और अनियमितताएं पाए जाने पर उनके संचालन को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया।
धनवंतरी हॉस्पिटल पर गिरी गाज
पहली कार्रवाई बांसी क्षेत्र के धनवंतरी हॉस्पिटल पर हुई। CMO डॉ. रजत कुमार चौरसिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल संचालक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। दस्तावेजों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने धनवंतरी हॉस्पिटल का संचालन तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
अपोलो हॉस्पिटल का नवीनीकरण न होने पर सील हुई अल्ट्रासाउंड मशीन
दूसरी कार्रवाई सियारपार स्थित अपोलो हॉस्पिटल में की गई। डिप्टी CMO डॉ. शेषभान गौतम के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर अस्पताल की जांच की। जांच में पाया गया कि अपोलो हॉस्पिटल का नवीनीकरण (रिन्यूवल) नहीं कराया गया था, जो अस्पताल संचालन के लिए अनिवार्य है। अनियमितता पाए जाने पर टीम ने अपोलो हॉस्पिटल का संचालन बंद करवा दिया और अस्पताल में रखी अल्ट्रासाउंड मशीन को भी सील कर दिया।
मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया स्थानांतरित
दोनों अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अन्य वैध अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं, कुछ मरीज जो स्वस्थ हो चुके थे, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अपोलो हॉस्पिटल को स्पष्ट नोटिस जारी किया गया है कि जब तक अस्पताल का नवीनीकरण नहीं हो जाता, तब तक वह किसी भी मरीज को भर्ती या उपचार नहीं कर सकता।
अवैध अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन सख्त
जिला प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सिद्धार्थनगर में बिना पंजीकरण या मान्यता के चल रहे किसी भी अस्पताल को बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और मरीजों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। यह कार्रवाई जिले में अवैध स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ चल रहे अभियान का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।