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कामाख्या धाम मंदिर के खुले कपाट, उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

कामाख्या धाम मंदिर के खुले कपाट, उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

जसवंतनगर (जसराना), फिरोज़ाबाद।
जिले के प्रसिद्ध कामाख्या धाम मंदिर में आज 25 जून को तीन दिनों के बाद पुनः कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। मंदिर में सुबह से ही हजारों श्रद्धालु लाइन में लगे दिखे। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की लंबी कतारें मंदिर परिसर से कई किलोमीटर तक दिखाई दीं।

22 जून को अंबुबाची पर्व के अवसर पर मंदिर के कपाट बंद किए गए थे। यह परंपरा असम के कामाख्या मंदिर से जुड़ी हुई है, जहां देवी के मासिक धर्म के दौरान मंदिर को तीन दिन के लिए बंद कर दिया जाता है। इसी परंपरा का पालन जसराना स्थित कामाख्या धाम में भी होता है।

आज सुबह जब कपाट खोले गए तो सबसे पहले सौभाग्यवती महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर मां कामाख्या से आशीर्वाद लिया। माना जाता है कि इस विशेष अवसर पर मां की पूजा करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।

मंदिर में महिला श्रद्धालुओं को अंबुबाची के दौरान देवी से संबंधित कपड़े के कपड़े पर दिखे चमत्कारी धब्बे दिए जाते हैं, जिसे भक्त पूजा-पाठ में उपयोग करते हैं और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों से श्रद्धालु इस विशेष पर्व पर कामाख्या धाम पहुंचते हैं। जसराना का यह मंदिर अब उत्तर भारत में आस्था का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है।

व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान:
मंदिर परिसर में पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहीं मंदिर के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग स्वयं व्यवस्था को संभालने में जुटे हैं।

🔸बाइट: महेश जी महाराज (मुख्य पुजारी)
“अंबुबाची पर्व के बाद आज कपाट खुले हैं, यह दिन बहुत ही शुभ होता है। मां की कृपा हर भक्त पर बनी रहे।”

🔸बाइट: संध्या राजपूत (ब्लॉक प्रमुख, जसराना)
“हमारी आस्था का केंद्र कामाख्या धाम है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं। हम स्वयं हर व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं।”


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