चित्रकूट 12 नवंबर 2024
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में उप्र अवकाश प्राप्त माध्यमिक शिक्षक कल्याण एसोसिएशन के प्रांतीय अधिवेशन में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ
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जनपद चित्रकूट जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में उप्र अवकाश प्राप्त माध्यमिक शिक्षक कल्याण एसोसिएशन के प्रांतीय अधिवेशन में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता श्रीमती ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री ने की।
कवि सम्मेलन के संयोजक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कवि रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी ‘प्रलयंकर’ ने कहा कि धर्म तो सनातन है और कोई धर्म नहीं यही धर्म सास्वत महान देख लीजिए, उंगली के पोर पोर पै निगाह डालकर शंख और चक्र के निशान देख लीजिए…,। साहित्यविद नंदा पांडेय गोरखपुर ने कहा कि बुलंदी देर तक किस सख्श के हिस्से में रहती है, बड़ी ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है यह ऐसा फर्ज है जिसको अता है कर नही सकता मैं जब तक घर न पहुंच मेरी मां सजदे में रहती है… गीत प्रस्तुत किया। वीरेंद्र शुक्ल ने कहा कि धरती के आंचल ईश ने सजाया खूब प्रकृति ने मानव को दिये उपहार हैं। वहीं आशाराम अवस्थी भीर ने देश हमार महान जहान में चन्दन है यह देश की माटी….’ दुष्यंत शुक्ल सिंह नांदी ने बुजदिल है वह मानव जिसमें देश प्रेम का ज्वार नहीं, वह कायर है जिसको अपनी मातृ भूमि से प्यार नहीं…., भवानी प्रसाद तिवारी कमल बाराबंकी ने पाक तू है नदी छोटी मेरा भारत समुंदर है, तेरी औकात सारी मेरे इक सूबे के अंदर है… आदि गीत प्रस्तुत किया। इसके अलावा ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री फर्रूखाबाद, विजय त्रिपाठी लखनऊ, महराज दीन मिश्र , देव कुमार सिंह बलिया, धनन्जय पाण्डेय, नवीन वैश्वारी, वीरेन्द्र शुक्ल, कौशल किशोर चतुर्वेदी, विजय बहादुर, अरुण कुमार पांडेय, डा. ओपी त्रिपाठी ने कविता पाठ किया।