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पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में SDPI द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों और वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आयोजित विशाल जनसभा में शामिल हुए माननीय सांसद श्री राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव जी।
इस दौरान अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि धर्म का उपयोग हमेशा समाज को जोड़ने के लिए किया गया है, लेकिन वर्तमान सरकार इसे विभाजन और ध्रुवीकरण का हथियार बना रही है।
12 साल पहले नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को सब्जबाग दिखाया था, लेकिन आज देश की स्थिति देखकर साफ है कि उन्होंने भारत को बर्बाद करने की कसम खा ली है। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक, तीन तलाक जैसे मुद्दे केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए उठाए जाते हैं, जबकि असली उद्देश्य गरीबों, शोषितों, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के आरक्षण को खत्म करना है।
आज देश में जिस तरह से संवैधानिक अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है, सरकारी संपत्तियां और संसाधन चंद पूंजीपतियों को बेचे जा रहे हैं, बेरोज़गारी चरम पर है, महंगाई आसमान छू रही है और गरीबों का जीवन कठिन हो गया है, यह सब दिखाता है कि मोदी सरकार का असली मकसद आम जनता को गुलामी की ओर धकेलना है।
उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि अगर आज हम नहीं जागे, तो वह दिन दूर नहीं जब मोदी सरकार मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों की जमीनें भी अपने मित्र अडानी को सौंप देगी। इसलिए, हमें संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
हमें बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा गांधी, कबीर, गुरु नानक, अब्दुल ग़फ्फार ख़ान, बिरसा मुंडा के विचारों को आत्मसात करना होगा और एकता, भाईचारे व अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए इस तानाशाही और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज़ उठानी होगी।
साथ ही, उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं, अन्याय के खिलाफ खड़े हों और लोकतंत्र विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला करें!