
अजीत मिश्रा
“सुशासन के दावों का चौंकाने वाला सच’
*ई-पाॅस मशीन से स्कैन नहीं कर रहे शराब*
अम्बेडकरनगर (यूपी)
आबकारी विभाग की तरफ से जिलेभर की सभी दुकानों पर ई-पास मशीन से शराब की बिक्री किए जाने का प्रयाेग तो शुरू कर दिया गया है। बावजूद शराब के दुकानदार इसके प्रयोग में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके जरिए बोतल पर लगे बार कोड, रेट को स्कैन करने के बाद रसीद दी जा रही है। इससे अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगने के लिए साथ ओवररेटिंग भी खत्म की जा सकेगी। विभाग की तरफ से एक अप्रैल 2024 से इसका पूर्ण रूप से अनुपालन कराया जाना था।पीओएस मशीन पर स्कैन करने के बाद ही शराब की बिक्री हो सकेगी। इससे एक ओर जहां नकली शराब की बिक्री पर लगाम लगेगी। वहीं दूसरी ओर दुकानदार स्टाक में गोलमाल नहीं कर सकेंगे। बिना पीओएस मशीन के शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ऐसा आबकारी विभाग के जिम्मेदारों द्वारा बताया गया था। आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने बताया था कि इस प्रक्रिया से बिक्री होने से ओवर रेटिग पर काबू पाया जा सकेगा। इसके साथ ही मिलावटी, बिना ड्यूटी पेड शराब की बिक्री पर रोक लगेगी। एक-एक शीशी का पूरा हिसाब-किताब रखा जाएगा जिसका आनलाइन रिकार्ड दर्ज होता रहेगा। स्टाक से किसी भी तरह की छेड़छाड़ या फेरबदल नहीं हो पाएगी। सेल्समैन को शराब की बोतल बेचने से पहले उस पर छापे क्यूआर कोड को पॉस मशीन से स्कैन करना होगा। क्यूआर कोड स्कैन होते ही स्टॉक से ऑनलाइन शराब की बिक्री हो जाएगी और स्टॉक से उतनी शराब की बोतलें स्वत: ही कम हो जाएंगी। ऑनलाइन प्रक्रिया होने के चलते सेल्समैन अब निर्धारित ब्रांड के अलावा किसी अन्य तरह की शराब की बिक्री नहीं कर सकेंगे।दुकान में नियमानुसार ही शराब बिक्री करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही दुकान के बाहर ब्रांड का नाम और उनके मूल्यों की सूची के साथ संबंधित आबकारी अधिकारी, इंस्पेक्टर का नंबर अंकित कर बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गये थे।जिससे दुकान पर शराब खरीदने वाले लोगों को बोर्ड के माध्यम से उनके दामों का पता चल सकें। साथ ही आबकारी निरीक्षकों को भी दुकान पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए गये। जिससे यह पता चल सके कि पॉश मशीन से शराब की बिक्री हो रही है की नहीं। जनपद में दुकानदारों द्वारा आने के बाद मशीन से एक साथ ही शराब की बोतलों को स्कैन कर दिया जाता है और उसके बाद बिक्री सुबह से शाम तक चलती रहती है जबकि ग्राहक के सामने स्कैन करना अनिवार्य है जिससे ग्राहक यह जान सके कि वह असली प्रोडक्ट खरीद रहा है या नहीं। ऐप्स मशीन को लेकर आबकारी महकमा तनिक भी गंभीर नहीं है।