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अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस को महिला सशक्तिकरण के रूप में मनाया गया

 

 

एकल नारी शक्ति संस्थान द्वारा आज संस्थान कार्यक्षेत्र के 33 जिलों के 92 ब्लॉक्स में धूमधाम व जोशपूर्ण तरीके से अंतरास्ट्रीय विधवा दिवस को एकल महिला शशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

23 जून को कोटा में भी विधवा एकल महिलाओं द्वारा यह दिवस धूमधाम से मनाया गया। कोटा शहर की एकल महिलाओं ने 600 पोस्ट कार्ड मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम पोस्ट किए व 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी भेजा गया।

संस्थान की कार्यकर्ता गजराज कवर ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी ऐतिहासिक दिन मना रहे हैं । इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2011 में कई गई थी- “विधवा दिवस”. यह दिन हमें एक साथ आकर उन महिलाओं को सम्मानित करने का मौका देता है, जो विधवा होने के बावजूद अपने जीवन में मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। जिसकी कई मिशाल हमारे साथ भी है।

डीसीएम की शांति बाई ने कहा कि विधवा दिवस हमें याद दिलाता है कि समाज में हमारी देखभाल की जिम्मेदारी सभी की है। हम भी अपना पूरा जीवन परिवार और समाज को समर्पित करते है। लेकिन विधवा होने के बाद हमारा जीवन एकाकी हो जाता है, हमे भावनात्मक सहयोग की जरूरत होती है , जिसे पूरा करना परिवार की नैतिक जिम्मेदारी है।

 

बृजेश बाई ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विधवा दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें समाज में स्त्रियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। यह विचार हमें समाज में एकता और समानता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।

 

हर साल 23 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से विधवाओं की स्थिति को विशेष मान्यता दी जाती है। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 258 मिलियन विधवा महिलाएं मौजूद हैं। 10 में से लगभग एक विधवा अत्यधिक गरीबी का सामना करती है जबकि अन्य विधवा महिलाओं को हिंसा, सामाजिक कलंक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत में लगभग चार करोड़ से ज्यादा विधवा महिलाएं हैं। इन सभी महिलाओं को मदद की, बराबरी की जरूरत है। हमारे देश में आज भी विधवा व एकल नारी को सम्मान नहीं दिया जाता। आज भी विधवा व एकल महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित हैं, लेकिन ये बात किसी को नहीं भूलनी चाहिए कि विधवा महिलाएं भी हमारे ही समाज और देश का हिस्सा हैं। इसलिए हर किसी को इनका सम्मान करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस इसी ओर एक पहल है।

इस अवसर पर एकल महिला संगठन से एकल महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को एकल महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु हस्ताक्षर युक्त मांगपत्र भेजे गए, जिसमे मुख्य रूप से मांगे लिखी गई-

1. राशन का अनाज प्रति व्यक्ति 5 kg से 10 kg किया जाए।

2. राशन पोर्टल नियमित खोला रखा जाए क्योंकि बन्द रहने से बहुत एकल महिलाएं एनएफएसए में नाम जुड़वाने से वंचित है।

3. सभी गरीब एकल महिलाओं को गैस सिलेंडर में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए अभी केवल उज्जवला वालो को ही दी जा रही है।

4. पेंशन राशि बढ़ाई जाए ।

5. एकल महिलाओं के डेटा कलेक्शन के लिए ग्राम पंचायत ,नगर पालिका मे पंजीयन व्यवस्था की जाए ताकि सही आंकड़े निकल कर आ सके।

6. रोजगार से जोड़ा जाए। इत्यादि

 

 

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