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बिहार की राजनीतिक खबरें, बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल तेज, तेजस्वी यादव के लगातार तंज पर मचा बवाल।

बिहार पॉलिटिक्स खबर : बिहार में राजनीतिक तापमान इन दिनों उच्चतम स्तर पर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपराध, महंगाई और कई अन्य मुद्दों को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार अधिकारियों से काम तेजी से कराने के लिए हाथ-पैर जोड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं, जिससे राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है. आरजेडी और बीजेपी इस मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं.

आरजेडी की तीखी प्रतिक्रिया

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का अधिकारियों और प्रधानमंत्री के पैर पकड़ने जैसा आचरण गंभीर चिंता का विषय है. तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर मुख्यमंत्री क्यों भयभीत हैं? नीतीश कुमार, जो बिहार की 14 करोड़ जनता के भविष्य के कर्ता-धर्ता हैं, उनका इस प्रकार का व्यवहार जनता के लिए असहज और चिंताजनक है. उन्होंने नीतीश कुमार को देश के बड़े नेताओं में से एक बताते हुए कहा कि उनका इस तरह से अधिकारियों के पैर पकड़ना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तरह का आचरण सभी को चिंता में डाल रहा है.

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बीजेपी का बचाव

बीजेपी ने नीतीश कुमार के इस कदम को उनकी सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा बताया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि नीतीश कुमार का अधिकारियों को अभिवादन करना और उन्हें अच्छा काम करने के लिए निर्देश देना हमारी सभ्यता का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मैं भी वहां मौजूद था और ऐसी कोई विशेष बात नहीं थी. नीतीश कुमार ने काम में देरी के चलते असंतुष्टि जाहिर की थी और अधिकारियों को काम में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया था. मिश्रा ने कहा कि यह सिर्फ काम में सुधार के लिए किया गया एक प्रयास था और इसे गलत संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए.

गंगा पथ के उद्घाटन में उत्पन्न सियासी बवाल

आपको बता दें कि बुधवार, 10 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंगा पथ के गाय घाट से कंगन घाट के पथांश का उद्घाटन करने पहुंचे थे. निर्माण कार्य में देरी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रोजेक्ट इंजीनियर के आगे हाथ जोड़ने लगे और पैर छूने के लिए भी उठ गए. इस घटना के बाद सियासत ने जोर पकड़ लिया. आरजेडी ने इसे नीतीश कुमार की कमजोरी और भय का प्रतीक बताया, जबकि बीजेपी ने इसे उनकी विनम्रता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत कहा.

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