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शिवमंदिर में हुआ जलाभिषेक जल अभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी पंडित अरुण शास्त्री सांचेत

अभिषेक लोधी

 

सतीश मैथिल अभिषेक लोधी  सांचेत

सांचेत शिव मंदिर सगोनिया में हुआ जलाभिषेक इस बार सावन के महीने में 5 सोमवार पढ़ रहे हैं सावन महीने की शुरुआत सोमवार से ही हुई है और सोमवार को सावन का महीना समाप्त होगा पंडित अरूण शास्त्री ने बताया सावन महीने में कब-कब पड़ेगा सोमवार, इस दिन जलाभिषेक करने पर क्यों होती है मनोकामनाएं पूरी

सावन भगवान शिव का महीना है. सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है. यह महीना 22 जुलाई से शुरू हो हुआ है, जो 19 अगस्त तक रहेगा. सावन हिन्दू पंचांग का यह पांचवां महीना होता है, जिसे श्रावण भी कहते है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन भोले शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है. इस बार सावन में 05 सोमवार पड़ रहे है.

कब-कब पड़ रहा है सावन सोमवार

इस बार सोमवार के दिन से ही सावन शुरू हो रहा है. पहला सावन का दिन और पहली सावन सोमवारी एक ही दिन होगा. पहला सावन सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ा वहीं, सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को पड़ है. इसी तरह से सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त और सावन का चौथा सोमवार 12 अगस्त को पड़ रहा है. सावन का पांचवा सोमवार 19 अगस्त को है.

सावन माह में बन रहा है ये अद्भुत संयोग

इस बार सावन महीने में विशेष संयोग बन रहा है. 22 जुलाई से शुरू हुए सावन के महीने की शुरुआत भी सोमवार से हो हुई और समापन के दिन यानी 19 अगस्त को भी सोमवार ही पड़ रहा है. इस साल सावन महीने की शुरुआत और समापन सोमवार के दिन ही होगा जो धार्मिक नजरिए से एक अद्भुत संयोग है. पंडित अरूण शास्त्री ने बताई

सावन माह से जुड़ी पौराणिक कथा

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है. समुद्र मंथन से निकले विष का शिव जी ने पान कर लिया था. इससे उनका शरीर बहुत ही ज्यादा गर्म हो गया था, जिससे शिव को काफी परेशानी होने लगी थी.

भगवान शिव को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए इंद्रदेव ने जमकर बारिश करवाई थी. कहते हैं कि यह घटनाक्रम सावन के महीने में हुआ था. इस प्रकार से शिव जी ने विष का पान करके सृष्टि की रक्षा की थी. तभी से यह मान्यता है कि सावन के महीने में शिव जी अपने भक्तों का कष्ट अति शीघ्र दूर कर देते हैं.

 

सावन सोमवार की पूजा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शिवजी की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं. इसके अलावा, तुलसी को कभी भी भगवान शिवजी को अर्पित नहीं किया जाता है. साथ ही शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिवजी को हमेशा कांस्य और पीतल के बर्तन से जल चढ़ाना चाहिए

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