
वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज ,संवादाता , सुरेश चन्द गांधी / श्रवण कुमार मद्धेशिया की रिपोर्ट
कुशीनगर / हाटा , स्थानीय तहसील अन्तर्गत थाना अहिरौली बाजार निकट झारखण्डी महादेव का दिव्य दरबार स्वयं-भू के रूप में विराजमान है। जहां प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में भक्तगण श्रद्धा भाव से पूजन अर्चन करते हैं तथा अपनी मनोकामनाओं की प्राप्ति की कामना करते हैं। सेन्दुआर धाम से विख्यात स्वयं-भू नगरी की अपनी एक अलग गाथा है। मंदिर के पुजारी बुद्धदेव गिरि जी तथा ग्राम सभा के पूर्व ग्राम प्रधान दिवंगत जमुना यादव जी जो 100 वर्ष की अवस्था को पार करने के बाद दिवंगत हुए उनके द्वारा भी बताया गया था कि सेन्दुआर धाम में जहां झारखण्डी महादेव स्वयं-भू के रूप में विराजमान है यह स्थान ज्यादा ऊंचा बलुई मिट्टी का टीला हुआ करता था। धीरे-धीरे बरसात होती रही बलुई मिट्टी धीरे धीरे हटती रही और एक समय ऐसा आया की झारखण्डी महादेव का उद्भव हुआ। क्षेत्र के लोग जिज्ञासा बस खुदाई किए जितना खुदाई की जाती थी झारखण्डी महादेव का लिंग स्वरूप का नीचला सिरा बढ़ता जा रहा था। जिसका कहीं छोर नहीं मिला थक हार कर पुनः मिटटी भरी गई और तभी से इनकी पूजा अर्चना प्रारम्भ हुआ। वहीं क्षेत्र के लोगों में एक और सत्य घटना का जिक्र झारखण्डी महादेव के सम्बंध में बताया जाता है कि मंदिर प्रांगण में ही बहुत बड़ा महादेव का तालाब है तालाब से ही इनकी उत्पत्ति हुई है चोर कीमती वस्तु समझ कर कुदाल से खोदने लगे उसी का चोट महादेव के लिंग स्वरूप के ऊपरी हिस्से पर आज भी विद्यमान है जो प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देता है। जब गांव तथा क्षेत्र के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो महादेव के लिंग स्वयं-भू स्वरूप को लाकर उसी स्थान पर प्रतिस्थापन की गई। किसी शिव भक्त के द्वारा झारखण्डी महादेव के मन्दिर के उपर छत निर्माण कराकर भव्य मन्दिर निर्माण की कामना से नींव की खुदाई कर निर्माण शुरू किया गया। पूरे दिन दीवार खड़ी की जाती थी और जब सुबह लोग देखते थे तो पूरी दीवार जमींदोज हुई रहती थी तभी से इन्हें झारखण्डी महादेव के नाम से जाना प्रसिद्ध हुए। झारखण्डी महादेव का इतिहास जो भी रहा हो परन्तु क्षेत्र के लोगों के बीच में आज भी महादेव के प्रति अपार श्रद्धा तथा विश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ है दूर दराज से अन्य जनपदों तथा प्रान्तों से भी लोग अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और झारखण्डी महादेव के आशीर्वाद से श्रद्धा भाव से मांगे गए सभी मनोरथ लोगों के पूर्ण होते हैं। झारखण्डी महादेव सेन्दुआर धाम की महिमा अपरम्पार है यहां रोगी भी अपनी रोग की समाप्ति की कामना लेकर आते हैं और उनका रोग भी ठीक हो जाता है। पिछले कई वर्षों से झारखण्डी महादेव के प्रांगण के सुंदरीकरण और प्रत्येक सोमवार को भव्य श्रृंगार तथा दिव्य आरती झारखण्डी महादेव श्रृंगार समिति सेन्दुआर धाम अहिरौली बाजार कुशीनगर के द्वारा किया जा रहा है । समिति में गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया तथा कुशीनगर के अनेक शिव भक्त अपनी श्रद्धा से जुड़ कर स्थायी सदस्य बने हुए हैं तथा अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार मंदिर प्रांगण के सुंदरीकरण व भव्य श्रृंगार के लिए अपना सहयोग प्रदान करते रहते हैं। अभी तक जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण झारखण्डी महादेव का यह मन्दिर सुन्दरीकरण के लिए कोई बजट नहीं पाया है। पूर्व कैबिनेट राज्य मन्त्री राधेश्याम सिंह के द्वारा एक दस वाई पन्द्रह का धर्मशाला निर्माण कराया गया है। जबकि यहां छठ पूजा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों धार्मिक पर्वों शादी व्याह वर कन्या दिखाई पर हजारों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा लेकर आते हैं और कार्यक्रम को सम्पन्न करते हैं। झारखण्डी महादेव का आशीर्वाद लेकर अपने जीवन में खुशहाली परिवार के विकास तथा निरोगी काया की कामना करते हैं ।