
सागर। वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज संवाददाता सुशील द्विवेदी।विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आायोजित किये जा रहे है । जिसमें नवजात शिशुओं को मां के दूध को पिलाने के महत्व के
बारे में समझाइश दी जा रही है । इस तारतम्य में फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सागर प्रोजेक्ट ने कार्यक्रम आयोजित किया।
महिला बाल विकास विभाग, सागर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ संघ एवम फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया सागर के संयुक्त तत्वाधान में आगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 80 में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एफपीएआई के सदस्य श्रीमती सुप्रिया नवाथे, मुख्य अतिथि शहरी कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सोनम नामदेव की। विशेष अतिथि परियोजना प्रबंधक नीलरतन पात्रा, डॉ. जागृति नागर, समाजसेवी चंद्र प्रकाश शुक्ला, सुपरवाइजर श्रीमती रजनी बरोलिया उपस्थित रहे। क्या किसी स्त्री ने आज तक किसी बछडे को अपना दूध पिलाया है? नहीं तो इसका उलटा क्यों? यह विचार नीलरतन पात्रा ने व्यक्त किये। डॉक्टर नागर ने कहा प्रकृति ने स्री को स्तनपान के लिए समर्थ बनाया है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि वो इस दायित्व का पूरा न कर सकें। प्रकृति ने हर प्रजाति के लिए दूध की रचना इस प्रकार की है, वो उन्हीं के बच्चों को बढ़त के अनुकूल होती है इसलिए इंसान का दूध ही इसान के लिये सर्वेत्तम है।
इस अवसर पर ऊर्जा क्लिनिक के डॉ. सुरम्या पाठक ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए महिलाओं को स्तन पान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जन्म के तुरंत बाद बच्चा को मा का दूध पिलाना चाहिए, सबसे पहले जो पीला रंग का गाढ़ा दूध निकलता है इसमें कोलेस्ट्राल हाने के कारण यह बच्चे के लिए पोष्टिकता के साथ रोगप्रतिरोधक भी होता है। हमारे ग्रामीण इलाकों में कहीं-कहीं अभी भी यह धारणा भी है कि पहला दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए वह गलत हैं। उन्होंने बच्चे को स्तनपान कराने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। श्रीमती सोनम, रजनी एवम नवाथे ने अपने उद्बोधन में कहा की मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान है अतः बराबर स्तनपान कराना चाहिए। स्तन पान से मां पूर्ण रूप से स्वस्थ्य रहती है, क्योंकि स्तन पान से मां को दर्द एवं गठान बनने का खतरा कम हो जाता है, जिससे स्तन केंसर के खतरा कम हो जाती है। कार्यक्रम में उपस्थित ऊर्जा क्लिनिक ANM श्रीमती पूजा करण ने टीकाकरण के बारे में तथा प्रसवोपरांत बच्चों के देख-रेख के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर आगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अनिता दुबे, रत्ना जैन, ममता गुरु, दिव्या चौरसिया, विनीता नामदेव, किरण तिवारी, नेहा चौरसिया, ज्योति दुबे उपस्थित रहे। समाजसेवी चन्दप्रकाश शुक्ल ने अपनी जानकारी में कहा की स्तन पान प्राकृतिक गर्भनिरोधक का काम करता है। स्तन पान कराते रहने से महिलाओं में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। कार्यक्रम का संचालन सुपरवाइजर श्रीमती रजनी बरोलिया ने किया। कार्यक्रम में लगभग 50 गर्भवती एवम शिशुवती माताएं उपस्थित रहे।