
भारत प्लस एथेनॉल कंपनी के सीएमडी सह उद्योगपति अजय सिंह बने बाढ पीडितो के सहारा
आरा। बाढ़ में अपना सब कुछ गंवा चुके परिवाराें की हर तरह से मदद के लिए डूबते को तिनके का सहारा की कहानी को चरितार्थ कर रहे हैं नावानगर स्थित भारत प्लस एथेनॉल कंपनी के सीएमडी सह उद्योगपति व वरीय समाजसेवी अजय सिंह।जिन्होंने भोजपुर जिले के बड़हरा विधानसभा के कई गावों में बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे है।बाढ़ त्रासदी से जूझ रहे पीड़िताें काे बीते 5 दिनाें से लगातार भाेजन, सूखा राशन, दूध, पहनने काे कपड़े, ओढ़ने बिछाने के लिए कंबल-चटाई से लेकर दवाई तक अजय सिंह द्वारा घर-घर पहुचाई जा रही है।अजय सिंह में मदद का जज्बा ऐसा है कि बाढ़ की पानी से बने कीचड़ और पानी से लथपथ रास्ताेें पर चलकर पीड़ितों के पास दूरदराज गांवाें को गलियों तक पहुंंच रहे हैं और लोगों को मदद कर रहे है।पीड़ित परिवाराें काे सिर्फ दैनिक जरूरताें की पूर्ति ही नहीं बल्कि गांवाें के बिगड़े हुए रास्ते को इस समय ठीक कराया जा रहा है।इस क्रम में समाजसेवी अजय सिंह द्वारा
नेकनाम टोला बांध पर, बखोरापुर, अलेखिटोला, महुदही में राशन का 300 पैकेट का वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच किया गया है।जहां पैकेट में चावल 5 किलो, दाल, सरसों तेल, नमक, मिर्च, आलू, बिस्कुट, पानी, खैनी, मोमबत्ती माचिस , आटा का पैकेट सहित अन्य जरूरत की चीजों को का वितरण किया गया।अजय सिंह ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को पशु का चारा और प्लास्टिक का जरूरत है।जहां प्लास्टिक पर बैठकर और सोकर लोग अपनी जिंदगी का जीवन यापन कर रहे है।
वही सभी गाँव में नाव की बहुत समस्या है।साथ ही बड़हरा विधानसभा में कई गावों के 90 फीसदी घरों में पानी घूस गया है।जिसके कारण बाढ़ पीड़ित बांध और छत पर रहने को मजबूर होकर अपना जीवन यापन कर रहे है। वही बाढ़ राहत सामग्री के वितरण में तीसरे दिन उद्योगपति सह समाजसेवी अजय सिंह द्वारा बडहरा विधानसभा के गाँव सिन्हा,गाजियापुर,लक्ष्मीपुर, बलुआ, मारहा, शिव पुर, पांडेय टोला, मिल्की , चना, गांघर, गांव में बाढ़ पीड़ितों की बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया।जहां बाढ़ पीड़ितों के बीच 1000 पैकेट का वितरण गया।जहां 1000 पैकेट के सभी पैकेटों में चावल 5 किलो, दाल, नमक, आलू, सरसों तेल, मोमबत्ती, सलाई, चूड़ा, गुड, बिस्किट, टेंट, तिरपाल, मच्छरदानी आदि का वितरण किया गया।उन्होंने आगे बताया कि आरा से सिन्हा जाने के क्रम में सड़क पर पाँच जगह पानी मिला।जहां बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण कही दो फिट तो कही 1 फीट पानी मिला।फिर सिन्हा घाट से नाव के सहारे गाँव में प्रवेश किया गया और लक्ष्मीपुर में एक साथ 200 महिलाएँ और बच्चे पानी में घुस कर राहत समान के लिए आ गए।जिससे लूट जैसा माहौल कायम हो गया लेकिन सबको स्थिर कराकर उनके बीच भी राहत सामग्री का वितरण किया गया।आगे श्री सिंह ने बताया कि यदि गंगा का रौद्र रूप कम नहीं हुआ तो गावों की स्थिति बहुत ही दर्दनाक स्थिति बन जायेगी।प्रशासन व सरकार द्वारा अभी तक इन बाढ़ पीड़ितों को कोई सामग्री या राशन मुहैया नहीं कराने को लेकर क्षोभ जताया और प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों ने मदद के लिए बात कही।