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हरियाणा में एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की भी नौकरी होगी सुरक्षित.., नायब सरकार लाएगी हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 बिल..

15वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू होग...भारत सरकार की नीति. 1 अक्टूबर 2024 से न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोतरी . केंद्रीय ऊर्जा,शहरी विकास एवं आवासन मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा के ऊर्जा और शहरी विकास विभाग की अहम बैठक हुई. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज, विपुल गोयल शामिल हुए...

कुरुक्षेत्र :- 15वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू होगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को सत्र की जानकारी दी है। यह सत्र तीन दिन का होगा। तीन दिन चलने वाले इस सत्र के दौरान 13 व 14 नवंबर और को दो बैठकों के बाद तीसरी बैठक 18 नवंबर को होगी। दरअसल 15 नवंबर को गुरुनानक जयंती और 16 व 17 को शनिवार-रविवार के कारण अवकाश रहेगा।

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी का कहना है कि 13, 14 और 18 नवंबर को विधानसभा सत्र होगा। सत्र की शुरुआत राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से होगी। सत्र के दौरान कुछ बिल भी आएंगे। अगर आवश्यकता पड़ी तो सेशन को बढ़ाया भी जा सकता है।

विपक्ष का नेता चुने जाने से सवाल पर सीएम सैनी ने कहा कि यह विपक्ष का मामला है कि वे किसे विपक्ष का नेता चुनते हैं। यह विपक्ष का इंटरनल मामला है कि वह किसे विपक्ष का नेता चुनेंगे।

महाराष्ट्र और झारखंड में बनेगी भाजपा की सरकार
अपने महाराष्ट्र के दौरे को लेकर सीएम सैनी ने कहा कि वह आज ही महाराष्ट्र दौरे पर जा रहे हैं। क्योंकि वहां चुनाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र और झारखंड में सरकार बनाएगी। लोगों को प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर भरोसा है, वे जानते हैं कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं वह करते हैं और उन्होंने ऐसा किया है।

नवनियुक्त विधायकों की होगी ट्रेनिंग
वहीं, विधानसभा की कार्यवाही से पहले नवनियुक्त विधायकों की ट्रेनिंग होगी। यह ट्रेनिंग सेशन मंगलवार को शाम 5 बजे होगा। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने इस संबंध में जानकारी दी है।

आज 16 विभागों के अधिकारियों की बैठक
13 नवंबर से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण को लेकर सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और विभागों के प्रधान सचिवों की बैठक होगी। बैठक के संबंध में मुख्य सचिव की ओर से सभी एसीएस और पीएस को पत्र जारी किया गया है। गौर हो कि राज्यपाल शीतकालीन सत्र में हरियाणा सरकार की योजनाओं और उपलब्धियां बताएंगे। साथ ही प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी देंगे। सत्र के अंदर सभी तथ्य और जानकारी अप टू डेट होने के साथ साथ दुरुस्त हों, इसलिए यह बैठक की जा रही है।

हरियाणा में पांच साल से अनुबंध पर काम कर रहे 50 हजार रुपये तक वेतन वाले सभी कर्मचारियों की सेवाएं 58 साल की आयु तक सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार विधानसभा में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक लाने जा रही है।
इससे अधिक वेतन वाले अनुबंधित कर्मचारियों की नौकरी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित करने के लिए एक और बिल लाया जा सकता है। इससे विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर, कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चरर, बहुतकनीकी संस्थानों में कार्यरत गेस्ट लेक्चरर, पशु चिकित्सक, वास्तुकला सहायक और जेई-एसडीओ की सेवाएं सुरक्षित हो सकेंगी।

लगाई हुई है उच्च अधिकारियों की ड्यूटी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को संत कबीर कुटी पर पहुंचे हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि हम 50 हजार रुपये से ज्यादा वेतन वाले अनुबंध कर्मचारियों के लिए सेवा सुरक्षा बिल-2 ला रहे हैं।

इसके लिए उच्च अधिकारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मनजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री को चुनाव से पहले विवि के अनुबंध असिस्टेंट प्रोफेसरों का रोजगार सुरक्षित करने का वादा याद दिलाया। इस पर सीएम ने कहा कि जो वादा किया था, उसे हर हाल में पूरा करेंगे।
चिकित्सा लाभ की मांग भी उठाई

हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने बताया कि विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर करीब 1500 सहायक प्रोफेसर कार्यरत हैं, जिनका वेतन 50 हजार रुपये से मामूली ज्यादा है। इस कारण वे अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित करने के कानूनी दायरे में नहीं आ पाए।
ऐसे में सरकार सभी अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित होने तक आर्डिनेंस-2 में समावेशित कर सेवा सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने अन्य सुविधाओं यथा महंगाई भत्ते और चिकित्सा लाभ की मांग भी उठाई।

एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की भी नौकरी होगी सुरक्षित<img
वहीं दूसरी तरफ, हरियाणा में पांच साल से अनुबंध पर काम कर रहे एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं 58 साल की आयु तक करने के निर्णय पर विधानसभा में मुहर लगेगी। 13 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद सदन पटल पर हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 रखेंगे। प्रदेश की नायब सरकार ने विधानसभा में पारित कराए जाने वाले बिल का ड्राफ्ट सार्वजनिक कर दिया है।

हरियाणा सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा फैसला लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी खुद दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में अनुबंध पर कार्यरत 1.20 लाख कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले की जानकारी देते हुए सभी कर्मचारियों का आजीवन भविष्य सुरक्षित होने की बधाई दी। राज्य में लंबे समय से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी पक्का किए जाने की मांग कर रहे थे। हरियाणा में अगले ही महीने आचार संहिता लगने की उम्मीद की जा रही है। चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों की तैयारी का जायजा लेने के लिए अगले हफ्ते चंडीगढ़ का दौरा करेगा

हरियाणा सरकार ने बनाई थी कमेटी
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न विभागों में कार्य करने वाले इन कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नौ अधिकारियों की टीम बनाई थी। सरकार ने इन्हीं अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद इन्हें पक्का करने का फैसला किया है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आप इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते आए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने चुनावों में जाने पहले अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों की बड़ी मांग को पूरा कर दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिया था

क्या है हरियाणा सरकार का फैसला?
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कैबिनेट में अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों का प्रस्ताव रखा गया था। सरकार ने सभी का भविष्य सुरक्षित करने का फैसला किया है। सरकार एक एक्ट लाकर उनकी सेवा को सुरक्षित करेगी। इससे आउटसोर्स और एचकेआरएन () के तहत काम कर रहे 1.20 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। सीएम ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पे स्केल का बेसिक वेतन भी मिलेगा। सालाना वेतन वृद्धि का लाभ भी कच्चे कर्मचारियों को इस फैसले के तहत दिया जाएगा,

अनुभव के हिसाब से मिलेगा वेतन
कैबिनेट के फैसले के अनुसार पांच साल या इससे ज्यादा जिन कर्मचारियों का समय हो गया है, उनको इसका फायदा मिलेगा. जिन कर्मचारियों को 5 साल या इससे ज्यादा समय नौकरी में हो चुका है। उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 5 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इसी प्रकार आठ साल वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल का 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। जिन कर्मचारियों की नौकरी इससे अधिक है उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 15 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।

केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के श्रमिकों को बड़ा तोहफा देते हुए उनकी दिवाली (Diwali 2024) और भी रोशन कर दी है. दरअसल, सरकार (Central Government) ने श्रमिकों के लिए Variable Dearness Allowance यानी VDA में संशोधन किया है और उन्हें मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 1,035 रुपये प्रतिदिन करने का ऐलान किया है. आइए जानते हैं कि इस ऐलान के बाद अब मजदूरों के हाथ में हर महीने कितना पैसा आएगा..

केंद्र सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की दरों में किया इजाफा

अनस्किल्ड श्रमिकों को अब इतनी मजदूरी
गुरुवार को PM Modi के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए मजदूरों को मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी की दरों में तगड़ा इजाफा किया है. पीटीआई के मुताबिक, सरकार के इस फैसले की जानकारी शेयर करते हुए श्रम मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस फैसले का उद्देश्य मजदूरों को जीवनयापन की बढ़ती लागत के बीच मदद करना है.

न्यूनतम मजदूरों की दरों में ताजा संशोधन के बाद निर्माण, साफ-सफाई, समान उतारने और चढ़ाने जैसे अनस्किल्ड श्रमिकों के लिए सेक्टर A में न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रति दिन कर दी गई है और इस हिसाब से देखें तो हर महीने इनके हाथ में अब 20,358 रुपये आएंगे.

मोदी सरकार ने मजदूरों के हकों को मारा: सीटू:नेता बोले- मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को चार कोड में तब्दील कर उद्योगपतियों को शोषण की छूट दी

रविवार को जनशक्ति भवन टाउन में संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता तीन सदस्य अध्यक्ष मंडल कामरेड बंसत सिंह, कामरेड अरूण कमती और कामरेड मदन पासवान द्वारा की गई। यूनियन के अध्यक्ष बसंत सिंह द्वारा झंडारोहण कर जनता के जनवादी आंदोलनों में शहीद हुए साथियों को पुष्पांजलि अर्पित कर सम्मेलन की शुरुआत की गई।

शाक्य ने कहा- हालांकि देश की जनता ने पीएम मोदी के अहंकार को तोड़ा है। एनडीए गठबंधन में सरकार बनी है। फिर भी यह कॉर्पोरेट नीति सरकार मेहनतकश अवाम और मजदूरों के खिलाफ काम करेगी। वहीं, प्रदेश में भाजपा की सरकार द्वारा जो वादे किए गए थे एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। मजदूरों को अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट होकर तीखे संघर्ष करने की जरूरत है। शाक्य बोले कि आने वाले समय में जिस तरीके से किसानों की कर्जमाफी, एमएसपी पर खरीद, मजदूरों के श्रम कानूनों में संशोधन, महिला उत्पीड़न और महंगाई आदि मुद्दों को लेकर संघर्षों को ओर तीखा करने पर बल दिया जाएगा। कामरेड बहादुर सिंह चौहान ने मंच संचालन किया।

एकता और संघर्ष के सिवाय मजदूरों के पास कोई रास्ता नहीं है। एकता संघर्ष और समाजवाद के नारे को लेकर सीटू का गठन हुआ था और इसी रास्ते पर चलते हुए एकताबध होकर संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ते हुए मजदूरों के हक और हकूक के लिए संघर्षों को तीखा करते रहेंगे।

1 अक्टूबर 2024 से न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोतरी: किसे होगा फायदा?
26 सितंबर, 2024 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा, “केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में भवन निर्माण, लोडिंग और अनलोडिंग, वॉच एंड वार्ड, स्वीपिंग, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगे श्रमिकों को संशोधित मजदूरी दरों से लाभ मिलेगा।”

मंत्रालय ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी दरों को कौशल स्तरों- अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल- के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र- ए, बी और सी के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।

केंद्र सरकार आमतौर पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाले वीडीए को साल में दो बार संशोधित करती है।

निर्माण और रखरखाव श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होगी
संशोधित न्यूनतम वेतन उन लोगों पर लागू होगा जो सड़कों या रनवे के निर्माण या रखरखाव में लगे हैं या भूमिगत बिजली, वायरलेस, रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीग्राफ और विदेशी संचार केबल और इसी तरह के अन्य भूमिगत केबलिंग कार्य, बिजली लाइनें, जल आपूर्ति लाइनें और सीवरेज पाइप लाइनें बिछाने सहित निर्माण कार्यों में लगे हैं।

केंद्रीय ऊर्जा,शहरी विकास एवं आवासन मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा के ऊर्जा और शहरी विकास विभाग की अहम बैठक हुई. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज, विपुल गोयल शामिल हुए. जिसमें उनके विभागों से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सभी विषयों की जानकारी साझा की.’सभा राज्यों से होगी बातचीत’: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरे पास केंद्रीय मंत्री के नाते ऊर्जा, शहरी विकास और आवासीय विभाग है. मैंने तय किया है कि एक राउंड सभी राज्यों से बात की जाए. ताकि जो विषय पुराने चल रहे हैं और नए विषय ध्यान में आते हैं. उन की रिव्यू मीटिंग के लिए में सभी जगह जा रहा हूं. नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्य में जा चुका हूं. साउथ के तीन राज्य जा चुका हूं, गुजरात भी गया हूं. दो दिनों में मैं हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बैठक कर रहा हूं. इन बैठक में ऊर्जा और शहरी विभाग के मामले हैं, उनको रिव्यू कर रहा हूं.

मेट्रो पर हुई चर्चा: मनोहर लाल ने बताया कि मेट्रो को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. जहां जहां मेट्रो का काम चल रहा है. जैसे गुरुग्राम,फरीदाबाद और बहादुरगढ़ इन सब पर भी चर्चा हुई. कुछ स्थानों के लिए मेट्रो की मांग रखी गई है. लेकिन इसमें भारत सरकार की नीति यह है कि पहले जहां मेट्रो चल रही है. अंबाला के लिए शहर और छावनी में मेट्रो चलाई जा सकती है. यमुनानगर जगाधरी में चलाई जा सकती है. इसी तरह बड़े शहरों की यह मांग आई है.”केंद्र सरकार से मदद लेने पर मंथन’:हरियाणा की बिजली विभाग की बैठक में हरियाणा की बैठक में ऊर्जा की आज हमारी कितनी जरूरत है कितनी आगे होगी. ऊर्जा की अपनी जनरेशन कितनी होगी, बाहर से कितनी जरूरत होगी, केंद्र सरकार से कैसे मदद मिल सकती है. इस सब पर विचार कर रहे हैं. खासकर ट्रांसमिशन लाइन की सुदृढ़ता के लिए RDSS (Revamped Distribution Sector Scheme) का रिव्यू मुख्य एजेंडा रहा. उससे संबंधित सभी मुद्दों पर बात हुई है.’सभी कंपनी ए प्लस में’: उन्होंने कहा कि मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि देशभर में हरियाणा की ऊर्जा की नीति की सराहना हो रही है. लाइन लॉस 2014 में जो तीस फीसद से अधिक थे. वह 11 पर आ गए हैं. हमारी सभी कंपनी ए प्लस में हैं. आज यह विषय आया है कि हम अपनी ऊर्जा कंपनियों को पुलिस लिस्टिंग में लाया जाए. अगर ऐसा होता है, तो यह दूसरे प्रदेश के लिए भी मार्गदर्शक विषय होगा. ताकि सभी कंपनियों की आर्थिक सेहत ठीक कर सकें. ऊर्जा विभाग के काम से मैं संतुष्ट हूं, कोई कठिनाई नहीं है.
‘आवास-शहरी मामलों पर बैठक’: आवास और शहरी मामलों को लेकर हुई बैठक में इससे जुड़े विषयों पर चर्चा हुई. केंद्र इस से जुड़ी योजनाओं में सब्सिडी देता है. जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना पहले देश में एक करोड़ मकान रदीय गए थे. अभी भी एक खरीद मकान का हमारा टारगेट है. उस पर चर्चा हुई. उसके लिए सिलेक्शन कैसे होगी. उस पर बात हुई है.पीएम ई-बस को लेकर चर्चा: इसके साथ ही पीएम ई बस सेवा को लेकर भी बात हुई. उसके लिए भी योजना बनाई जा चुकी है. करीब साढ़े चार सौ बसे इसके तहत शहरी क्षेत्र में लाई जाएगी. उसका प्रोसेस चल रहा है. इसके साथ ही प्रीपेड मीटर स्कीम भी दी गई है. केंद्र उसमें ग्रांट भी देता है, कुछ विरोध की बातें भी इसको लेकर आ रही हैं. इसलिए सबसे पहले सरकारी कार्यकालों में इनको लगाया जाएगा. उसके बाद कंसेशनल रेत हरियाणा में पहले से लगा लग संस्थानों के लिए पहले से तय किए गए हैं. जब लोगों को इसका लाभ पता लगेगा तो लोग भी इसका इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने इस मामले में हरियाणा में 5 प्रतिशत छूट देने पर सरकार की तारीफ की.’स्वच्छ भारत का टारगेट’: स्वच्छ भारत के तहत सफाई अभियान पर उन्होंने कहा कि इसके तहत टारगेट पूरे करने पर भी बात हुई है. स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम हमने सितंबर-अक्टूबर में किया था. हरियाणा में चुनाव की वजह से नहीं हुआ. उस काम को अब हरियाणा, जम्मू कश्मीर में पूरा किया जायेगा. हमारी दोनों बैठक सौहार्दपूर्ण और खुशनुमा माहौल में हुई हैं.सौर ऊर्जा पर बोले मनोहर लाल: सौर ऊर्जा पर मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में जमीन मिलने में कठिनाई है. राजस्थान जैसे प्रांत में इस पर कम हो रहा है. रूफ टॉप की पॉलिसी को आगे बढ़ाने पर हम विचार कर रहे हैं. इसको लेकर हर राज्य की परिस्थिति अलग अलग है. क्योंकि हिमाचल में हाइड्रो प्रोजेक्ट ज्यादा लगेंगे. क्योंकि वहां पानी उपलब्ध है. सौर ऊर्जा हरियाणा या पंजाब और हिमाचल में संभव नहीं है. रूफ टॉप पर विचार किया जा सकता है. पंजाब हरियाणा थर्मल पावर पर निर्भर है.

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Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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