बलिया

धर्म धवज स्थापना के साथ ही शुरू हुआ द्वाबा का ऐतिहासिक धनुष यज्ञ मेला

बलिया।गंगा व सरयू के मध्य स्थित द्वाबा के सिद्ध संत सुदिष्ट बाबा की समाधि स्थल पर अगहन पंचमी से लगने वाला धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व का धनुषयज्ञ मेला शुक्रवार को शुरू हो गया। यह मेला 29 दिसंबर तक कुल 24 दिनों तक चलेगा।मेला अध्यक्ष रोशन गुप्त व कोटवा की ग्राम प्रधान वंदना गुप्ता ने विधि विधान से पूजन किया। इसके बाद सहस्त्रनाम और हनुमान चालीसा पाठ कर संत मौनी बाबा ने मेला के चौक में धर्म ध्वज फहरा कर मेला का विधिवत उद्घाटन किया। मांगल गीत और देव स्तुति गीतों से वातावरण धार्मिक आस्था के रंग में रंग गया।लोगों ने सुदिष्ट बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद मेले का आनंद लिया। मेलाध्यक्ष के अनुसार पंचमी को दो लाख से अधिक लोगों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाई।
इस अवसर पर संत मौनी बाबा ने कहा कि सुदिष्ट बाबा सच्चे संत और सद्गुरु थे।वे ज्ञानपुंज, कर्मयोगी महान तपस्वी और समाजसेवी थे।समाज के विकास में उनका विशेष योगदान रहा। इन्ही विशेषताओं के कारण हम आज भी उन्हें याद करते हैं और सदियों तक उन्हें याद किया जाएगा।उद्घाटन के अवसर पर पंचायत के सचिव अरविंद मौर्य एडीओ पंचायत बेलहरी मनोज गुप्ता बच्चा लाल सुरेंद्र कुमार गुप्ता सुनील कुमार गुप्ता शुभम गुप्ता अर्जुन चौधरी प्रेम मिश्र उमेश गुप्ता लखन जी गुप्ता रजनीश गुप्ता राजन सिंह मुखिया जी सतेन्द्र सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सुदिष्ट बाबा की जय की गूंजती रही लय
बलिया।पंचमी के मौके पर सुदिष्ट बाबा के समाधि पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। ब्रम्हमुहूर्त में ही गांव गिराव के लाखों नर नारी सर पर गठरी-मुठरी बांधे आस्था के पुण्य पथ पर बगैर किसी शिकवा शिकायत के आगे बढ़ते जा रहे हैं। यही गठरी धनुष यज्ञ मेले का आइकॉन है और मेले की रंगत भी।श्रद्धालुओं के चेहरे पर आत्मसंतुष्टि के भाव स्पष्ट दिख रहा है।संकल्प व श्रद्धा पूर्ण मुस्कान के साथ श्रद्धालु सहज होकर समाधि के सीढ़ियों पर पुण्यार्जन के लिए जमा हो रहे हैं।सभी को सुदिष्ट बाबा के मंदिर के पट खुलने का इंतजार है।घड़ी की सुइयां चार बजने के लिए मचल रही है।साथ ही हजारों हाथ सुदिष्ट बाबा के जयकारे लगाने,ताली बजाने ,व घंटे बजाने के लिए तैयार है।घड़ी की सुइयों ने जैसे ही चार बजाया गगन भेदी जयघोष के साथ शुरू हो गया सुदिष्ट बाबा के दर्शन पूजन।एक साथ पूरे परिसर में शंख-घंटो के बीच तालियों की आवाज धरती से आसमान तक गूंजती रही। हाथ में नारियल, फूल-माला प्रसाद के साथ खड़े श्रद्धालु कतारबद्ध बाबा के भक्ति में लीन हो गए।हर कोई बाबा के दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की।श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धा अनुसार ब्राह्मण एवं निर्धन व्यक्तियों को दान कर रहे हैं। साथ ही सुदिष्ट बाबा से सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।मान्यता है कि पंचमी के दिन बाबा के समाधि स्थल पर पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।मेला अध्यक्ष के अनुसार मंदिर के पट दर्शन के लिए खोले गए तब से लेकर शयन आरती तक करीब दो लाख लोग समाधि स्थल पर माथा टेकने पहुँचे।

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दीपो की आभा से अलौकित हुआ समाधि स्थल

बलिया। सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल झिलमिल दीपों की आभा से आलौकित हो रहा है।यहाँ की अनुपम छटा देख इस पल के साक्षी बने लोगों का रोम-रोम पुलकित हो उठा।दीपों की दपदप, घंट-घड़ियालों की ध्वनि व फूलों की सुगंध से सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल का अद्भुत नजारा दिखा। कहीं महिलाएं दीप जला रही है तो कहीं सत्यनारायण भगवान की कथा शुरू है।समाधि स्थल पर भक्ति और सनातन की झलक भी दिखी।मान्यता है कि पंचमी के दिन सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल पर दीपदान करने से व्यक्ति को समस्त यज्ञ,तीर्थ औऱ दान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।साथ ही कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक तंगी दूर होती ।

समाधि स्थल से 13 तो मेले से 34 लोग कुछ देर के लिए बिछड़े

बलिया।सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल पर दर्शन के दौरान शुक्रवार शाम तक कुल 47 लोग अपनों से कुछ देर के लिए बिछड़ गए।सुबह समाधि स्थल से 13 व धनुष यज्ञ मेले से 34 लोग अपनो से बिछड़ गए जिसमे बच्चों की संख्या व महिलाओं की संख्या अधिक रही हालांकि मेले में बनाई गई अस्थायी पुलिस चौकी के साथ ही खोया पाया केंद्र की मदद से सभी को परिजनों से पुलिस ने मिलवाने का काम किया।

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जलेबी के संग तरकारी का अनोखा युगलबंदी
बलिया।सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल पर सैकड़ों वर्ष से लगते आ रहे धनुष यज्ञ मेला में जलेबी औऱ सब्जी का अटूट बंधन हैं।यह सुदिष्ट बाबा के मेले खास परंपरा का एक अहम हिस्सा है।चाहे आम हो या खास मेला में गरमा गरम जलेबी के साथ सब्जी का स्वाद लेना मानो एक रस्म बन चुका है. मेला और जलेबी का यह अटूट बंधन यूं ही नहीं बना है।बुजुर्ग बताते हैं कि सुदिष्ट बाबा जब तक जीवित थे इस मेले में आए साधु संतों को भर पेट जलेबी और सब्जी खिलाते थे।वही से यह परंपरा चली जो आज तक बरकरार है।मेला आने वाला हर श्रद्धालु यहां बाबा के दर्शन के पश्चात जलेबी-सब्जी अवश्य खाता है।दुकानदार भी उन्हें जलेबी के साथ सब्जी मुफ्त में देते हैं।लोग बाबा के दर्शन पूजन के बाद जलेबी के साथ ही सब्जी का स्वाद चखा।

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सोशल मीडिया पर दिन भर छाया रहा धनुष यज्ञ मेला
बलिया।धनुष यज्ञ मेला को लेकर सोशल मीडिया पर पंचमी के दिन खूब पोस्ट किए गए। शुक्रवा सुबह जैसे ही समाधि स्थल पर आस्था का ज्वार उमड़ा वैसे ही एक घंटे में सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक लाख से ज्यादा पोस्ट हुए। वहीं सुबह से सोशल मीडिया पर धनुष यज्ञ मेला ट्रेंड करता रहा। शाम छह बजे तक सोशल मीडिया प्लेसफॉर्म पर धनुष यज्ञ मेला पूरे जनपद में नंबर वन ट्रेंड करता रहा। यहां पर एक घंटे में 20 हजार से ज्यादा लोगों ने पोस्ट किया। वहीं इंस्टाग्राम पर भी मेला ट्रेडिंग में रही। फेसबुक पर भी लाखों पोस्ट हुए। आम लोगों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने भी इससे जुड़े पोस्ट किए।मेलाध्यक्ष रोशन गुप्ता ने सुदिष्ट बाबा मेले से जुड़ा पोस्ट साझा की।

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सुरक्षा को लेकर रहा व्यापक बंदोबस्त
बलिया। पंचमी के दिन सुदिष्ट बाबा समाधि स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है। समाधि स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं। एसएचओ बैरिया रामायण सिंह ने बताया कि मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मेला क्षेत्र में एक अस्थायी थाना खोला गया है। यहां मेला प्रभारी के साथ ही पुलिस व पीएसी की तैनाती की गई है। 24 दिनों तक चलने वाले इस मेले की सुरक्षा की विशेष व्यस्था की गयी है।

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