A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorizedअन्य खबरेशिवपुरी

मंशापूर्ण मंदिर की विवादित जमीन का सीमांकन, फर्जी पट्टे से प्लाट बेचे गए

शिवपुरी। दशकों से खाली पड़ी मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास की जमीन पर अचानक से कई लोगों ने दावा ठोकना शुरू कर दिया। विवाद बढ़ा तो मामले की शिकायत प्रशासन तक पहुंच गई। इसी क्रम में रविवार को एसडीएम और तहसीलदार राजस्व अमले को लेकर मौके पर पहुंचे और जमीन का सीमांकन कर विवाद सुलझाने का दावा किया। हालांकि स्थानीय लोग इस सीमांकन से संतुष्ट नहीं हैं।

 

जानकारी के अनुसार मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास दशकों से काफी जमीन खाली पड़ी हुई थी। इस जमीन पर हवन, पूजन और भंडारे होते रहते थे। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद अचानक से शहर के कुछ लोग इस जमीन को अपना बताने लगे। विवाद के बीच राम किशोर वशिष्ट के नाम पर एक संदिग्ध पट्टा सामने आया, जिसमें कोई प्रकरण क्रमांक अंकित नहीं है। इसी पट्टे के आधार पर यहां प्लाट बेचे गए।

 

वर्तमान में स्थिति यह हो गई है कि जितनी भूमि की वहां रजिस्ट्री की गई हैं, उतनी जमीन वहां पर मौजूद ही नहीं है। इसी के चलते विवाद गहरा गया और मामले की शिकायत प्रशासन तक पहुंच गईं। इसी क्रम में आज राजस्व के अमले ने मौके पर पहुंच कर सीमांकन किया, परंतु लोग संतुष्ट नजर नहीं आए। वहीं एसडीएम का कहना है कि उन्होंने मंदिर, पट्टा धारक और प्लाट धारक सभी के बीच मामले को सुलझा दिया है। अब वहां विवाद नहीं होगा। मंदिर के पुजारी रिंकू महाराज का दावा है कि यह सारे प्लाट फर्जी पट्टे के आधार पर बेचे गए हैं।

 

1950 में सरकारी 1953 में पट्टा

मंदिर के पुजारी रिंकू महाराज के अनुसार जमीन 1950 में सरकारी बोल रही है, इसके बाद 1953 में इस जमीन का पट्टा राम किशोर वशिष्ट के नाम पर हो गया। इस पट्टे में भी काफी कांट छांट दिखाई दे रही है। इसके अलावा पट्टे पर कोई प्रकरण क्रमांक, आदेश क्रमांक आदि भी अंकित नहीं है।

 

रिंकू महाराज के अनुसार उन्होंने कलेक्टर को शिकायत करके इस पट्टे की जांच कराने का निवेदन किया था, परंतु इसकी जांच करने की बजाय आज राजस्व के अधिकारी जमीन का सीमांकन करने के लिए पहुंच गए। मंदिर के पुजारी सहित अन्य भक्तों का कहना है कि अगर मामले की जांच नहीं की गई तो उन्होंने आंदोलन और अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।

 

पुजारी का आरोप है कि सड़क के किनारे रेलवे की जमीन है, परंतु संदिग्ध पट्टा धारकों ने पट्टे की जमीन के साथ-साथ रेलवे की जमीन पर भी प्लाट काट दिए हैं। इसके बावजूद रजिस्ट्री धारियों को यहां पर जमीन नहीं मिल पा रही है। हालात यह हैं कि रेलवे की जमीन तक पर दुकानों का निर्माण कर दिया गया है।

Vande Bharat Live Tv News
Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!