
महान् क्रान्तिकारी अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खां,ठाकुर रोशन सिंह एवं राजेन्द्र लाहिड़ी की शहादत दिवस आज दिनांक 19-12-2024 को डीएवी+2 विद्यालय कतरास के सामने शहीद पार्क में अवस्थित अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयोजित सभा की अध्यक्षता शहीद भगत सिंह स्मारक समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद राजा ने की। बड़ी संख्या में झामुमो,इप्टा एवं अन्य संगठनों के कई साथीगण शामिल हुए।
राजेन्द्र प्रसाद राजा ने शहीदों के संघर्षो स्वतंत्रता आंदोलन में देश के क्रांतिकारीयों के योगदान से परिचय कराया गया।अमर शहीद अशफाक उल्ला खां ने अपने को मां को पत्र लिखकर कहा मेरा वक्त कम है फांसी के फंदे पर झूल कर रूख़सत हो जाउंगा लेकिन आप पढ़ी लिखी मां है ईश्वर और कुदरत ने मुझे आपकी गोद में दिया था और आपने लोगों से कहा करती थी कि यह अल्लाह ताला का अमानत है अगर मैं उसकी अमानत था तो अब इस देश के लिए अपनी अमानत मांग रहे हैं।आपको अमानत में ख़यानत नहीं करनी चाहिए, हंसते हुए देश के लिए ईश्वर की अमानत लौटा दें।
अपनी वकील को लिखते हुए अशफाक कहते हैं कि आपने मुकदमे बहुत लड़े मेरी इच्छा है कि यदि आपको परमिशन मिलें तो आप फांसी के दिन फांसी घर के सामने खड़े हो कर देखें कि आपका मुवक्किल कितनी खुशी और हर्ष से फांसी के फंदे को चूमकर झूल रहा है।कई क्रांतिकारी घटनाओं से अवगत कराया गया।
श्रद्धांजलि सभा को उमेश ऋषि,प्रभात मिश्रा, सुदाम गिरि,प्रफुल्ल मंडल,अमृत महतो,युधिष्ठिर बाउरी,रामदास भुईयां,बिष्णु कुमार,नारायण प्रजापति,धर्म कुमार,अरुण कुमार,चंदना कुमारी, सुमन कुमारी,बिनोद सिंह,कमरूद्दीन,मो.कमाल एवं अन्य कई साथियों ने श्रद्धांजलि दी और संबोधित किया।