
गाजीपुर। सिटी रेलवे स्टेशन परिसर में जीआरपी थाने के पीछे लगभग एक करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण चल रहा है। इसकी क्षमता 100 केएलडी (किलो लीटर) पानी शोधन की है। सिटी रेलवे स्टेशन व रेलवे क्वार्टर से प्रतिदिन 50 से 60 केएलडी गंदा पानी निकलता है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी का इस्तेमाल सिटी रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई, विभिन्न ट्रेनों के कोचों की धुलाई व बागवानी में किया जाएगा। इससे एक ओर ट्रेनों के कोच चकाचक नजर आएंगे, तो दूसरी तरफ सिंचाई होने से स्टेशन परिसर की बागवानी में हरियाली आएगी।
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की स्पष्ट गाइड लाइन है कि गंदे पानी को शोधित उसे दोबारा इस्तेमाल किया जाए। नमामि गंगे परियोजना के तहत 20 दिनों से सिटी रेलवे स्टेशन परिसर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण चल रहा है। 50 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है।
शोधित पानी का इस्तेमाल करने को लेकर एजेंसी एडवांस एक्यूपमेंट एंड प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड का भी चुनाव कर लिया गया है। ये संस्था शोधित पानी का इस्तेमाल कई कार्यों में करेगा। रेलवे प्रशासन का दावा है कि एक महीने में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से गंदे पानी को शोधित किया जाएगा। इससे उसका दोबारा इस्तेमाल हो सकेगा। वहीं प्लांट से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बल मिलेगा। अब तक सिटी रेलवे स्टेशन व रेलवे क्वार्टर का गंदा पानी नालियों के माध्यम से बह जाता है।