बस्तीशिक्षा

सरकार का रूख स्पष्ट न होने तक लिटिल फ्लावर स्कूल को नोटिस से राहत

 

*सरकार का रूख स्पष्ट न होने तक लिटिल फ्लावर स्कूल को नोटिस से राहत*

बस्ती- हर्रैया तहसील परिसर के समीप चल रहे लिटिल फ्लावर स्कूल को जिसे बिना मान्यता कक्षा एक से आठ तक बिना मान्यता कक्ष संचालन हेतु एक लाख रूपए का जुर्माना लगाते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी बस्ती ने कक्ष संचालन बंद करने का निर्देश दिया था हाईकोर्ट ने नोटिस पर सरकार का रूख स्पष्ट होने तक रोक लगा दिया है। ये जानकारी देते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा के अधिवक्ता कन्हैयालाल तिवारी ने बताया कि अभी कोर्ट ने किसी को सुनने से इनकार कर दिया है कारण शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 माइनारिटी स्कूल पर लागू होगा कि नहीं अभी विभाग इसे स्पष्ट नहीं कर पाया है । जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता संस्था द्वारा मान्यता के अभाव में चल रहे कक्ष संचालन को लेकर जारी नोटिस निष्प्रभावी रहेगा कारण लिटिल फ्लावर स्कूल ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित माइनारिटी संस्था है स्कूल को आरटीई एक्ट 2009 लागू होने के उपरान्त शिक्षा विभाग द्वारा 2024 में नियमों के अनुपालन हेतु मान्यता लेने को निर्देशित किया गया जिसके बाद स्कूल ने आवेदन किया तो मान्यता आवेदन आरटीई एक्ट 2009 के तहत 25% बच्चों का दाखिला नि:शुल्क लेने के शपथ पत्र के अभाव में निरस्त किया गया है जब कि लिटिल फ्लावर स्कूल का कहना है कि यह नियम उसके उपर लागू नहीं होता ऐसे में कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट होने तक नोटिस पर रोक लगा दिया है अब ये सरकार व शिक्षा विभाग तय करेगा कि देश के सभी शिक्षण संस्थानों के साथ माइनारिटी स्कूल पर भी शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू होगा कि नहीं तब तक कक्ष संचालन पर रोक नहीं लगेगा समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से सहमत हैं सरकार व शिक्षा विभाग को निश्चित नियम समानता से लागू करना चाहिए व उचित दिशा निर्देश देना चाहिए और जब तक निर्देश नहीं आ जाता अभिभावकों को खुद सुनिश्चित करना होगा कि बिना मान्यता कक्ष संचालन करने वाले इस विद्यालय में अपने नौनिहालों का दाखिला कराना उचित है या नहीं हम इस विसंगति को लेकर निरन्तर प्रयास जारी रखेंगे.!

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