
✍️अजीत मिश्रा✍️
बस्ती-शिक्षा विभाग
शिक्षा माफियाओं पर जिले के अधिकारी नहीं लगा पा रहे लगाम।जिले के कोने कोने में सब्जी के दुकान की तरह खुल रहे गैर मान्यता के स्कूल।
सिकंदरपुर में डिग्री कॉलेज, तो हथियांव में टीन शेड तो, जिभियांव में मुर्गी फार्म में चल रहे कॉन्वेंट स्कूल। गाना रोड पर दुकान में, तो वही पियारेपुर में छप्पर में चल रहा बिना मान्यता के स्कूल। बैसिया के पास राम जानकी मार्ग के किनारे और जमालपुर रोड के बगल किराए के मकान में चल रहे बिना मान्यता के स्कूल। मानकों को ताक पर रख कर धड़ल्ले से संचालित हो रहे है स्कूल।बिना मान्यता और इंटर पास अध्यापकों के भरोसे चल रहे है स्कूल। बिना मेंटेनेंस गाड़ियों से ठूंस ठूंस कर नौनिहाल को पहुंचाया जाता है स्कूल।
नौनिहालों के साथ किसी अनहोनी के लिए आखिर कौन होगा जिम्मेदार?
चहेते दुकानों पर किताब रखवाकर ऊंचे दामों पर बिकवा कर अभिभावकों का चूस रहे खून। खंड शिक्षा अधिकारी कुदरहा कार्यालय के आसपास धड़ल्ले से चल रहे तमाम बिना मान्यता के स्कूल।
बिना मान्यता के स्कूलों पर लगाम लगाने पर विफल है खंड शिक्षा अधिकारी कुदरहा, खड़े कर रहे कई सवाल।
अगर एक ही ब्लॉक में बिना मान्यता के सैकड़ो स्कूल हो रहे संचालित तो पूरे जिले का क्या होगा हाल। कुदरहा ब्लॉक के अलग-अलग क्षेत्र में चल रहे अमान्य विद्यालयों से जुड़ा है पूरा मामला।