
कपिलवस्तु। नेपाल सीमा से सटे बर्डपुर के कपिलवस्तु क्षेत्र में अवैध रूप से लगातार मिट्टी खनन करने से यहां स्थित कुसाड़ काल से जुड़े टीलों का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी बेपरवाह हैं। लोगों की मानें तो स्थानीय पुलिस, प्रशासन व खनन माफिया की मिलीभगत से टीले का खनन किया जा रहा है।
कपिलवस्तु में स्थित स्तूप से कुछ दूरी पर ग्राम पंचायत महदेवा कुर्मी के टोला महदेइया में एक टीला स्थित है। ग्रामीणों ने बताया कि ये बहुत पुराना टीला है, इसे लोग डड़वा भी कहते हैं। जहां पुरातत्व से संबंधित अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने इस टीले का निरीक्षण किया था। उसके बावजूद भी इस टीले का निरीक्षण से संबंधित कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। पुनः इस टीले से मिट्टी माफिया ने खनन शुरू कर दिया है, जिससे इस टीले का अस्तित्व खतरे में आ गया है। क्षेत्र के लोग व धरोहर विशेषज्ञ बताते हैं कि महदेवा कुर्मी के टोला महदेइया के पश्चिम सिवान में टीला पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारकों कपिलवस्तु के स्तूप तथा संघारामों के अत्यंत निकट है। यह कपिलवस्तु परिमंडल के तमाम धरोहर टीलों में शामिल है, जिनके गर्भ में हजारों वर्ष का इतिहास दफन है। इस टीले के निरीक्षण से ही यहां से प्राचीन ईंटों, मृद भांडों, मिट्टी की आकृतियों आदि के अवशेष प्राप्त हो जाते हैं।
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