
📰 कठुआ पत्रकार के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट, सवाल पूछने पर हुई हिंसा
कठुआ, 24 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक पत्रकार के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट की घटना ने राज्य में राजनीतिक और मीडिया के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकार ने बस एक सवाल पूछा था, “पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी किसकी है? क्या गृह मंत्रालय जवाबदेह नहीं है?” लेकिन इस सवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को इतना भड़काया कि उन्होंने पत्रकार के साथ न केवल गाली-गलौच की, बल्कि तीन विधायकों की मौजूदगी में उसे बेरहमी से पीटा भी।
घटना की पूरी जानकारी
कठुआ में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पत्रकार से जिस प्रकार का व्यवहार किया, वह न केवल पत्रकारिता के स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह से असहमत आवाजों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लेने में कोई झिझक नहीं है।
पत्रकार ने पहलगाम हमले पर गृह मंत्रालय से जिम्मेदारी लेने का सवाल पूछा था, जो हाल ही में हुए आतंकवादी हमले से संबंधित था। इस सवाल को पूछने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता गुस्से में आ गए और तीन बीजेपी विधायकों की मौजूदगी में पत्रकार पर हमला बोल दिया। घटना के बाद पत्रकार को गंभीर चोटें आईं, और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा।
बीजेपी कार्यकर्ताओं की हिंसक प्रतिक्रिया
इस घटना के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने न केवल पत्रकार को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया, बल्कि उन्हें गालियाँ भी दीं। इस पूरी घटना में बीजेपी के तीन विधायक उपस्थित थे, लेकिन वे न केवल चुप रहे, बल्कि इस हिंसा को होते हुए भी नजरअंदाज किया। इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या सत्ता में बैठे लोगों और उनके कार्यकर्ताओं को इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ कोई जवाबदेही नहीं है?
पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला
यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर एक बड़ा हमला है, जहां एक पत्रकार केवल अपने पेशेवर सवाल पूछने के लिए हिंसा का शिकार हो गया। यह घटना राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। पत्रकारिता का काम है सत्ता से सवाल पूछना और जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना, लेकिन जब पत्रकारों को सवाल पूछने की कीमत अपनी जान और शारीरिक अखंडता से चुकानी पड़े, तो यह समाज और राज्य की स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद कई पत्रकार संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध जताया है। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह आलोचना और सवाल उठाने वाली आवाजों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं। पत्रकारों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि अगर इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर और भी बड़े खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
कठुआ पुलिस और प्रशासन का कदम
इस हिंसा के बाद कठुआ पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया है और पत्रकार के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने यह आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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