
नई दिल्ली:- इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी आज 15 अप्रैल 2025 को शेयर बाजार में सुनहरी शुरुआत हुई है। शानदार ग्लोबल संकेतों से सेंसेक्स, निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए. निफ्टी बैंक साल के ऊपरी स्तर पर बंद हुए. मिडकैप, स्मॉलकैप में खरीदारी खरीदारी दिखी. BSE के सभी सेक्टर इंडेक्स बढ़कर बंद हुए. कल यानी 14 अप्रैल सोमवार को आंबेडकर जयंती के कारण शेयर बाजार में ट्रेडिंग बंद थी।
शेयर बाजार लगातार दूसरे कारोबारी दिन रॉकेट की तरह की दौड़ रहा है. आखिर शेयर बाजार के इस रॉकेट को फ्यूल मिला कहां से? ये सवाल काफी बड़ा है. इसका कारण भी है. बीते 555 कारोबारी मिनटों में शेयर बाजार ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. इस दौरान निवेशकों की झोली में करीब 17 लाख करोड़ रुपए आ गए हैं. वास्तव में जब से ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. तब से शेयर बाजार की पार्टी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.
शुक्रवार को भी शेयर बाजार 2 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ था और निवेशकों की झोली में 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा आ गए थे. आज भी करीब 3 कारोबारी घंटों में शेयर बाजार में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है और निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में शेयर बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है.
वैसे शेयर बाजार में तेजी का प्रमुख कारण सिर्फ रेसिप्रोकल टैरिफ का वापस लेना ही नहीं है. जबकि हैविवेट बैंकिंग स्टॉक्स में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं उम्मीद की जा रही है कि ऑटो पर से टैरिफ हटने की उम्मीदों ने भी शेयर बाजार को बूस्ट दिया है.डॉलर इंडेक्स तीन साल के लोअर लेवल पर है. दूसरी ओर एशियाई बाजारों में तेजी का माहौल बना हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और महंगाई कम होते आंकड़ों ने भी शेयर बाजार में तेजी को बढ़ाने में मदद की है. आइए शेयर बाजार के आंकड़ों और उन तमाम कारणों को समझने की कोशिश करते हैं, जिन्होंने स्टॉक मार्केट में तेजी लाने में मदद की है.
शेयर बाजार में तेजी
मंगलवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1676.78 अंकों की तेजी के साथ 76,808.67 अंकों पर कारोबार कर रहा है. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 76,907.63 अंकों की तेजी देखने को मिली. वैसे सेंसेक्स 76,852.06 अंकों पर ओपन हुआ था. शुक्रवार को सेंसेक्स में तेजी देखने को मिली थी तब से अब तक सेंसेक्स में 4.14 फीसदी यानी 3,060.48 अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है.
दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी फर्राटा भर रहा है. आंकड़ों के अनुसार निफ्टी 2.27 फीसदी की तेजी यानी 519 अंकों के इजाफे के साथ 23,347.35 अंकों पर कारोबार कर रहा है. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 23,368.35 अंकों के साथ दिन के हाई पर पहुंचा. शुक्रवार से अब तक निफ्टी में 4.32 फीसदी यानी 969.2 अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है.
शेयर बाजार में तेजी के प्रमुख कारण
• यूएस टैरिफ छूट : वीकेंड में, यूएस ने अपने नियोजित “रेसिप्रोकल” टैरिफ से स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को बाहर रखा, जिससे वैश्विक इक्विटी में राहत रैली शुरू हुई. इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप ने सभी यूएस इंपोर्ट पर भारी टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन चीन को छोड़कर कई देशों के लिए 90 दिनों के लिए कार्यान्वयन को रोक दिया था.
•हैवीवेट बैंकिंग स्टॉक में रैली : प्राइवेट लेंडर्स एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में लगभग 3 फीसदी की वृद्धि हुई, जेफरीज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कम जमा दरें इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक हैं. दोनों बैंकों ने मिलकर सेंसेक्स की 1,500 से अधिक अंकों की रैली में 638 अंकों का योगदान दिया. एचडीएफसी बैंक ने अपनी बचत खाता ब्याज दर को घटाकर 2.75% कर दिया, जो अब प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे कम है. यह आंकड़ा आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक से भी कम है. जो दोनों 50 लाख रुपए से कम की सेविंग बैलेंस अमाउंट पर 3 फीसदी ब्याज देते हैं.
•ऑटो स्टॉक में उछाल : ऑटो सेक्टर के लिए संभावित टैरिफ राहत की उम्मीदों से निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 3 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. कंपोनेंट निर्माता संवर्धन मदरसन के शेयरों में 7% की उछाल आई, जबकि भारत फोर्ज और सोना बीएलडब्ल्यू में 6% से अधिक की उछाल आई. टाटा मोटर्स में भी 5% की उछाल आई, क्योंकि इसकी लक्जरी शाखा जगुआर लैंड रोवर अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यूएस से कमाती है. ट्रंप ने कहा कि वह विदेशी ऑटो और ऑटो पार्ट्स इंपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ में समायोजन पर विचार कर रहे हैं, उन्होंने कार निर्माताओं को यूएस में उत्पादन ट्रांसफर करने के लिए समय देने की आवश्यकता का हवाला दिया.
•कमजोर होता डॉलर : अमेरिकी डॉलर में लगातार गिरावट ने भारत सहित उभरते बाजारों में निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया है. कमजोर डॉलर आम तौर पर भारतीय इक्विटी में मजबूत विदेशी निवेश की ओर ले जाता है और रुपए पर दबाव कम करता है. मंगलवार को डॉलर इंडेक्स 99.65 पर फिसल गया. इससे घरेलू निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार हुआ है और धातु जैसे क्षेत्रों में बढ़त को समर्थन मिला है, जो मुद्रा की चाल के प्रति संवेदनशील हैं.
•एशियाई बाजार में तेजी : भारतीय शेयर बाजारों में भी एशियाई शेयरों में तेजी का रुख रहा, जो मंगलवार को ऑटो शेयरों में बढ़त के कारण बढ़े. जापान के निक्केई में 1% की तेजी आई, जिसमें टोयोटा और डेंसो जैसी ऑटो प्रमुख कंपनियां सबसे ज्यादा लाभ में रहीं. जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों के MSCI के सबसे बड़े सूचकांक में 0.3% की तेजी आई. यूएस ट्रेजरी बॉन्ड में तेजी और डॉलर में लगातार कमजोरी ने पूरे क्षेत्र में निवेशकों की धारणा को और बेहतर बनाया.
•कच्चे तेल का प्रभाव : मंगलवार को तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रही थीं, जिससे महंगाई की चिंता कम हुई. ब्रेंट 65 डॉलर के आसपास रहा, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 61.66 डॉलर पर था. कच्चे तेल की कम कीमतें भारत के लिए सहायक हैं, जो अपना अधिकांश तेल आयात करता है, और चालू खाते और महंगााई पर दबाव कम करने में मदद करता है.
•महंगाई के आंकड़े बेहतर : भारत में थोक महंगाई कम हुई है और 2.05 फीसदी पर आ गई है, जो फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी. उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली व कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी. मंगलवार शाम को खुदरा महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं. जिसके 3.50 फीसदी रहने का अनुमान है.
निवेशकों को कितना फायदा
शेयर बाजार में तेजी की वजह से निवेशकों को मोटा फायदा हुआ है. आंकड़ों को देखें तो शुक्रवार को शेयर बाजार जब बंद हुआ था, तब बीएसई का मार्केट कैप 4,01,55,574.05 करोड़ रुपए था, जो मंगलवार को बढ़कर 4,11,26,013.38 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. इसका मतलब है कि कुछ ही घंटों में बीएसई के मार्केट कैप में 9,70,439.33 करोड़ रुपए का इजाफा देखने को मिला है. जबकि बीते 555 कारोबारी मिनटों से ज्यादा समय से शेयर बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है. इस तेजी की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को करीब 17.50 लाख करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है. खास बात तो ये है कि ट्रंप के टैरिफ से शेयर बाजार को हुए अप्रैल की नुकसान भरपाई 555 मिनटों में हो गई है.
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