
रात की शुरुआत सुंदरकांड के पाठ से
रात होते ही, भक्तों ने उत्साहपूर्वक सुंदरकांड के पठन से आयोजन का शुभारंभ किया। इस धार्मिक पाठ ने पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया, जिससे वातावरण भक्तिमय और उल्लासपूर्ण हो उठा। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि सुंदरकांड के पाठ ने उन्हें मानसिक शांति और आस्था की नवीन अनुभूति प्रदान की।
पूजापत और भंडारे की धूम
पूजा के क्रम में, पूजापत द्वारा विशेष विधि से हनुमान जी की आराधना की गई। भक्तों की भीड़ एकत्र हो कर सामूहिक आराधना में लीन हो गई। पूजन के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया, जहाँ नि:शुल्क भोजन वितरण के माध्यम से सभी भक्तों को एकजुट होकर हनुमान जी की कृपा से लाभान्वित होने का संदेश दिया गया। भंडारे में शामिल होने वाले लोगों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से समुदाय में आपसी भाईचारे और एकता का संदेश भी मिलता है।
जिले में भक्तिमय माहौल
पूरे जिले में भक्तों का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था। सड़कें, मंदिर परिसर और सार्वजनिक स्थान सभी पर भक्ति का माहौल व्याप्त था। नागरिकों ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजनों में हिस्सा लेकर वे न केवल धार्मिक आस्था को पाकर संतुष्टि महसूस करते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक-दूसरे के करीब आने का अवसर पाते हैं।
आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा
आगामी दिन में भी विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सुबह से लेकर शाम तक विभिन्न रीतिरिवाजों के अनुसार विशेष पूजा, आरती और भजन सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, योग और ध्यान सत्र भी आयोजित करने की योजना है जिससे भक्तों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
समापन
हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व तैयारियों में जिले भर के लोगों का जोश और श्रद्धा परिलक्षित हो रही है। इस आयोजन के माध्यम से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलता है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी प्रबल होता है। भक्तों का मानना है कि हनुमान जी की कृपा से आने वाला यह पर्व सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए सौभाग्य और समृद्धि का संदेश लेकर आएगा।
*स्वद्दाता (दरियाव वासुरे खरगोन)