देशशिक्षासमाचार

CBSE सिलेबस और ग्रेडिंग पैटर्न में बड़े बदलाव, 9वीं से 12वीं तक के छात्र और उनके पैरेंट्स जरूर जान लें

“CBSE सिलेबस और ग्रेडिंग पैटर्न में बड़े बदलाव, 9वीं से 12वीं तक के छात्र और उनके पैरेंट्स जरूर जान लें”

CBSE यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने अपना नया सिलेबस अपडेट जारी कर दिया है. ये अपडेट 2025-26 के एकेडमिक सेशन से लागू किया जाएगा. CBSE ने 9वीं से 12वीं क्लास तक के सिलेबस में बदलाव किया है. साथ ही नए टीचिंग मेथड्स, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर भी कई नई घोषणाएं की हैं।

बोर्ड ने सिर्फ किताबों में बदलाव नहीं किया, बल्कि पूरे सिस्टम में ही कुछ ना कुछ बदला है. क्लास 10 के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर ये है कि अब बोर्ड एग्जाम साल में दो बार होंगे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पहला बोर्ड एग्जाम फरवरी में और दूसरा अप्रैल में. मतलब, अगर पहली बार में कुछ गड़बड़ हो गई तो दूसरा मौका तैयार है. ये तो वैसे ही है जैसे IPL में दो क्वालिफायर मिलते हैं, एक हारा तो दूसरा मौका पक्का. हालांकि, इसको लेकर फाइनल प्रपोजल अभी जारी नहीं हुआ है।

वहीं क्लास 12 का सीन पहले जैसा ही है. इनके लिए अभी भी साल में एक ही एग्जाम होगा, जो 17 फरवरी 2026 से शुरू होगा।

इन सब के अलावा बोर्ड ने एक और ट्विस्ट जोड़ा है. बोर्ड ने ग्रेडिंग सिस्टम को बदलकर 9-पॉइंट स्केल कर दिया है. ये 10वीं और 12वीं क्लास के रिजल्ट में लागू होगा. यानी अब A1, A2, B1… ग्रेड वगैरह का चक्कर और साफ होगा. पास होने वाले हर 8 बच्चों में से एक को अब एक ग्रेड स्लॉट दिया जाएगा. इस ग्रेडिंग सिस्टम के अंतर्गत, परीक्षाओं में प्राप्त अंकों को अधिक प्रभावी ढंग से ग्रेड में परिवर्तित किया जा सकेगा. दावा है कि इससे छात्रों के प्रदर्शन का और अच्छे से मूल्यांकन हो सकेगा।

10वीं में कोर सब्जेक्ट में फेल हुए तो…??

10वीं के बोर्ड एग्जाम पास करने के लिए स्टूडेंट को कम से कम 33 फीसदी नंबर लाने होंगे. लेकिन अगर कोई स्टूडेंट साइंस, मैथ्स, सोशल साइंस या लैंग्वेज जैसे किसी कोर सब्जेक्ट में फेल हो जाता है, तो भी वो बच सकता है. ऐसे में वो जिस सब्जेक्ट में फेल होगा उसे स्किल बेस्ड या ऑप्शनल लैंग्वेज सब्जेक्ट से रिप्लेस कर दिया जाएगा. मसलन, यदि कोई स्टूडेंट मैथ्स में आवश्यक नंबर स्कोर नहीं कर पाता है, लेकिन स्किल बेस्ड सब्जेक्ट में पास हो जाता है, तो स्किल बेस्ड सब्जेक्ट के नंबर मैथ्स के अंकों का स्थान ले लेंगे।

10वीं क्लास में स्किल बेस्ड सब्जेक्ट होंगे::

बोर्ड क्लास 10वीं के छात्रों के लिए कंप्यूटर एप्लीकेशन (कोड 165), इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (कोड 402) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कोड 417) जैसे विषयों को शामिल करके स्किल बेस्ड एजुकेशन पर अधिक जोर दे रहा है. इसके अतिरिक्त, कक्षा 9 और 10 के दौरान छात्रों को अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक भाषा का चयन करना आवश्यक है।

12वीं क्लास के लिए बोर्ड ने चार नए स्किल इलेक्टिव्स की घोषणा की है. ये हैं, Land Transportation Associate, Electronics and Hardware, Physical Activity Trainer, और Design Thinking and Innovation.

यही नहीं, 12वीं क्लासमें अकाउंटेंसी के पेपर में स्टूडेंट्स को बेसिक कैलकुलेटर यूज करने की छूट मिलेगी।

टीचिंग मेथड्स में भी बदलाव ::

स्कूलों को फ्लेक्सिबल और कॉन्टेक्स्ट बेस्ड पढ़ाई पर फोकस करने को कहा गया है. इसमें प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग, टेक्नोलॉजी पर आधारित लर्निंग, साथ ही साथ कोलैबोरेटिव लेसन प्लान शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा एग्जाम पैटर्न में भी नया टच है. सवाल ज्यादा प्रैक्टिकल और एनालिटिकल होंगे, तो जो लोग सिर्फ नोट्स रटते थे, उनके लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है।

Back to top button
error: Content is protected !!