
✍️अजीत मिश्रा✍️
बस्ती (यूपी)
कचरे से भरी बदबूदार खुली नालियां बनी सुकरौललियां बनी सुकरौली चौधरी ग्राम पंचायत की पहचान
गांव में प्रवेश करते ही सड़क के बीचो-बीच बनी खुली कचरे से भारी बदबूदार नालियां आपके पहुंचते ही करेंगी स्वागत। खुली नालियों से अब तक कई लोग हो चुके हैं चोटिल- ग्रामीण।
और तो और इस गांव के ग्रामीणों की किस्मत ही हो गई है दूषित पानी- पीना
ग्राम प्रधान रामधनी और सचिव रामजस वर्मा के रहमों करम पर ग्रामीण दूषित पानी पीने को है मजबूर…..
गांव में है गंदगी का अंबार, सचिव साहब रामजस वर्मा को गांव में जाने के लिए कहां है फुर्सत। जब साहब के पास है 9 बड़े-बड़े ग्राम पंचायत
सचिव साहब के पास इतनी बड़ी है जिम्मेदारी तो कैसे पियेंगे सुकरौली चौधरी ग्राम पंचायत के ग्रामीण शुद्ध पानी। पंचायत सहायक आदित्य यादव के अनुसार पूरे ग्राम पंचायत में है 16 इंडिया मार्का हैंड पंप ,उनमें से कुछ तो है खराब पड़े बाकी दे रहे दूषित पानी । 3 साल से नल सही कराने के लिए प्रधान से कर रहा है विनती लेकिन अभी तक नहीं सही हुआ एक अदद इंडिया मार्का हैंडपंप– लालचंद वर्मा
और तो और मिनी सचिवालय के बगल 6 महीने पहले लगा नल अभी तक नहीं दे पाया स्वच्छ पानी– आदित्य यादव
अब देखना है की जिम्मेदार इस गांव के ग्रामीणों को पिला पाते हैं शुद्ध पानी या ऐसे ही उनको रोना पड़ेगा अपनी किस्मत पर। इस भीषण गर्मी में है बड़ा सवाल…?
मामला विकासखंड हरैया के सुकरौली चौधरी ग्राम पंचायत का है।