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राजस्थान के झालावाड़ में मासूमों पर टूटा मौत का कहर – सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत, 17 घायल

इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 17 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।

🔴 राजस्थान के झालावाड़ में मासूमों पर टूटा मौत का कहर – सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत, 17 घायल

राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक भयावह हादसा सामने आया, जिसने पूरे प्रदेश को सदमे में डाल दिया। यहां स्थित एक सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत उस समय अचानक भरभराकर ढह गई, जब कक्षा में मासूम बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। छत गिरने की तेज आवाज और मलबे में दबे बच्चों की चीख-पुकार से माहौल हृदयविदारक हो गया।

इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 17 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ ने आनन-फानन में मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला।

👁️ सवालों के घेरे में शिक्षा विभाग और प्रशासन

स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्कूल की इमारत काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी थी। इसके बावजूद विभाग और प्रशासन ने समय रहते कोई मरम्मत कार्य नहीं कराया। कई बार स्कूल प्रशासन और ग्रामवासियों ने अधिकारियों को इमारत की खस्ता हालत से अवगत कराया, लेकिन हर बार मामला फाइलों में ही दब गया।

🚔 एसपी और प्रशासन मौके पर, मुआवज़े का ऐलान

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अमित कुमार और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए मृतक बच्चों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है।

🧱 क्या यह केवल हादसा है या प्रशासनिक हत्या?

यह सवाल पूरे प्रदेश में गूंज रहा है—जब जर्जर इमारत की शिकायतें समय पर की गई थीं, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह लापरवाही से हुई मौतें नहीं, एक तरह की “प्रशासनिक हत्या” हैं?

🆘 जनता की मांगें:

  • स्कूलों की इमारतों का तत्काल सर्वे हो

  • दोषी अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चले

  • सभी घायलों को सर्वोत्तम इलाज मिले

  • शिक्षा विभाग के भ्रष्ट तंत्र की जांच हो

👉 यह हादसा नहीं, सिस्टम की गिरती नींव का संकेत है। अब नहीं चेते, तो अगला नंबर किसी और गांव, किसी और मासूम का होगा।

✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083

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