केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आपत्तिजनक और अश्लील कॉन्टेंट परोसने वाले उल्लू समेत 25 ऐप्स पर लगाए बैन! कौन है उल्लू का मालिक, ऐसे-वैसे वीडियो बनाकर कमा लिए सैकड़ों करोड़, सरकार का बड़ा एक्शन।
केंद्र सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए उल्लू समेत 25 ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इसमें बहुचर्चित उल्लू (ULLU) ऐप भी शामिल है, जिसे देश के करोड़ों लोगों ने डाउनलोड किया है। उल्लू ऐप के फाउंडर अपनी कंपनी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे थे और इसी बीच ऐप पर बैन लगने की वजह से उनका बिजनेस पूरी तरह ठप होने की आशंका है। चर्चा में आए उल्लू ऐप का आखिर मालिक है कौन और अभी तक इस ऐप से कितना पैसा बनाया। सरकार ने इस पर रोक लगाई क्यों।उल्लू ऐप पर लगा बैन कौन है इसका मालिक, डर्टी पिक्चर बनाकर कितने पैसे कमाए? वैसे तो बहुत से ऐप्स जो आपत्तिजनक और अश्लीलता के माध्यम से भारत की संस्कृति, सभ्यता, और पढ़ने वाले विद्यार्थियों के जीवन को बर्बादी के तरफ लेकर जा रहे है। ऐसे में ऐसे आपत्तिजनक और अश्लिलता जैसे कॉन्टेंट परोसने वालों पर कड़क कार्रवाई होनी चाहिए।
विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आपत्तिजनक और अश्लील कॉन्टेंट परोसने वाले उल्लू समेत 25 ऐप्स पर लगाए बैन!कौन है उल्लू का मालिक, ऐसे-वैसे वीडियो बनाकर कमा लिए सैकड़ों करोड़, सरकार का बड़ा एक्शन।
मुंबई/महाराष्ट्र:केंद्र सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए उल्लू समेत 25 ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इसमें बहुचर्चित उल्लू (ULLU) ऐप भी शामिल है, जिसे देश के करोड़ों लोगों ने डाउनलोड किया है। उल्लू ऐप के फाउंडर अपनी कंपनी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे थे और इसी बीच ऐप पर बैन लगने की वजह से उनका बिजनेस पूरी तरह ठप होने की आशंका है। चर्चा में आए उल्लू ऐप का आखिर मालिक है कौन और अभी तक इस ऐप से कितना पैसा बनाया। सरकार ने इस पर रोक लगाई क्यों।उल्लू ऐप पर लगा बैन कौन है इसका मालिक, डर्टी पिक्चर बनाकर कितने पैसे कमाए? वैसे तो बहुत से ऐप्स जो आपत्तिजनक और अश्लीलता के माध्यम से भारत की संस्कृति, सभ्यता, और पढ़ने वाले विद्यार्थियों के जीवन को बर्बादी के तरफ लेकर जा रहे है। ऐसे में ऐसे आपत्तिजनक और अश्लिलता जैसे कॉन्टेंट परोसने वालों पर कड़क कार्रवाई होनी चाहिए। ऐप्स पर बैन लगाना जरूरी है। बहुत से ऐप्स अभी भी एक्टिव है उसको भी संज्ञान में लेते हुए कड़क कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि उल्लू ऐप को साल 2018 में विभु अग्रवाल ने बनाया था।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उल्लू और ऑल्ट बालाजी जैसे ऐप सॉफ्ट पॉर्न परोस रहे हैं। बच्चों तक भी इनकी आसान पहुंच है। लिहाजा समाज में फैलती इस बुराई पर रोक लगाना जरूरी है।इसके साथ ही करीब एक दर्जन ऐप को बैन कर दिया गया, जिन पर ऐसे बोल्ड कंटेंट परोसे जा रहे थे। उल्लू ऐप को एक ऐसे व्यक्ति ने बनाया था, जिसका फिल्म निर्माण से कोई लेनादेना नहीं था और न ही उन्हें इस फील्ड का कोई अनुभव था।कौन है उल्लू ऐप का फाउंडर?आपको जानकर हैरानी होगी कि उल्लू ऐप बनाने वाला कोई फिल्मी जगत का बंदा नहीं, बल्कि एक स्कॉलर है।आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई करने वाले विभु अग्रवाल ने उल्लू ऐप को बनाया था। विभु को बिजनेस की फील्ड में अच्छा-खासा अनुभव था और उन्होंने कई सफल बिजनेस करने के बाद एंटरटेनमेंट फील्ड में हाथ आजमाया था।विभु ने ग्रेजुएशन के बाद जापान से एमबीए की पढ़ाई की और बायोमेडिकल इन्फॉर्मेटिक्स में पीएचडी करने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। वहां साइंस और मेडिकल सेक्टर में अच्छा खास अनुभव लेकर वह इंडिया वापस आए।30 साल पहले बनाई पहली कंपनी।विभु अग्रवाल ने भारत वापस आकर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा और साल 1995 में जेपीको इंडिया के नाम से पहला बिजनेस शुरू किया। यह एक स्टील प्रोडक्शन बिजनेस था। इसकी शुरुआत उन्होंने भले ही छोटे से गांव से की थी, जल्द ही यह उत्तर भारत का सफल बिजनेस बन गया। इसके बाद उन्होंने टेक बिजनेस में हाथ डाला और वहां सफलता मिलने के बाद मीडिया और इंटरटेनमेंट की तरफ मुड़े।7 साल में बना दिया सक्सेसफुल ऐप।विभु ने वैसे तो प्रोडक्शन, टैक और हेल्थ सहित तमाम सफल कारोबार किए, लेकिन सबसे ज्यादा नाम इंटरटेनमेंट ऐप उल्लू से हुआ। साल 2018 में उन्होंने उल्लू ऐप की नींव रखी, जिस पर बोल्ड कंटेंट परोसा जाता है। वैसे तो ऑल्ट बालाजी सहित तमाम ऐप अनसेंसर्ड कंटेंट परोस रहे थे, लेकिन विभु की लीडरशिप में उल्लू ऐप ने सबसे ज्यादा नाम कमाया। इसकी सफलता के साथ उन्होंने अतरंगी ऐप भी बनाया, जो काफी पॉपुलर हुआ।कितना बड़ा है उल्लू ऐप
उल्लू ऐप की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 में शुरू हुए इस ऐप को अब तक करीब 11 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है और आज भी इस पर 5 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर हैं। इसका सालभर का सब्सक्रिप्शन करीब 1,000 रुपये में आता है।इतना ही नहीं, कई टेलीकॉम कंपनियां अपने रिचार्ज प्लान में भी इस ऐप को फ्री उपलब्ध कराती हैं।उल्लू ऐप की कितनी कमाई।कमाई की बात करें तो वित्तवर्ष 2024 में इस ऐप ने 100 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया, जबकि 15.14 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। कंपनी ने आईपीओ के जरिये 150 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर भी जमा कराए थे। इसके जरिये करीब 63 लाख शेयर उतारने की तैयारी थी, लेकिन बाल अधिकार आयोग ने इसके कंटेंट पर तंज कसते हुए आलोचना की, जिसके बाद आईपीओ का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब सरकार ने इस पर रोक भी लगा दी है।फाउंडर विभु के नेट वर्थ की बात करें तो साल 2023 में ही वह 70 करोड़ की नेटवर्थ पार कर चुके थे, जो अब तक करीब 100 करोड़ के आसपास पहुंचने का अनुमान है। कौन कौन से आपत्तिजनक और अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले उल्लू समेत 25 ऐप्स पर लगा बैन?
केंद्र सरकार ने आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने वाले ऐप्स पर बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने उल्लू (Ullu) समेत 25 ऐप पर बैन लगाया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पोर्नोग्राफिक्स कंटेंट और आपत्तिजनक एड दिखाने वाले ऐप्स की पहचान करते हुए यह कदम उठाया है।सरकार की ओर से जारी किए नोटिफिकेशन के मुताबिक, सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को निर्देश दिया है कि वे इन 25 ऐप्स को अपने-अपने सर्वर से ठप करें और इनकी पहुंच को तुरंत बंद कर दें।यह कदम कदम अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
कौन-कौन से ऐप हुए बैन?
आल्ट -ALTT
उल्लू -ULLU
बिग शॉट्स ऐप -Big Shots app
देशीफ्लिक्स -Desiflix
बूमेक्स -Boomex
नवरस लाइट -Navarasa Lite
गुलाब ऐप -Gulab app
कंगन ऐप -Kangan app
बुल ऐप -Bull app
जलवा ऐपा -Jalva app
वाओ एंटरटेनमेंट -Wow Entertainment
लुक एंटरटेनमेंट -Look Entertainment
हिटप्राइम -Hitprime
फेनियो -Feneo
शोएक्स -ShowX
सोल टॉकीज -Sol Talkies
अड्डा टीवी -Adda TV
हॉटएक्स वीआईपी -HotX VIP
हलचल ऐप -Hulchul app
मूडएक्स -MoodX
नियानएक्स वीआईपी -NeonX VIP
फ्यूजी -Fugi
मोजीफ्लिक्स -Mojflix
ट्राईफ्लिक्स -Triflicks
क्यों लगाया बैन?
मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग के मुताबिक, बैन की गई सभी ऐप्स और वेबसाइट्स पोनोग्राफिक कंटेंट समेत आपत्तिजनक ऐड दिखाते हैं। ऐसे में ये आईटी एक्ट, 2000 के सेक्शन 67 और सेक्शन 67ए, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के सेक्शन 294 और इनडिसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वुमन (प्रॉहिबिशन) एक्ट, 1986 के सेक्शन 4 समेत कई नियमों का उल्लंघन करते हैं। यही कारण है कि इन पर बैन लगाया गया है।
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