
सियार के सर-पार केट मुलाकात का मामला: वन दाराज विजय कुमार पर चाक पर हमला करने का आरोप
बाकी। सहसवान वन विभाग रेंज में एक गंभीर और विविध मामला सामने आया है। यहां सियार के सिर और पैर केट के दर्शन क्षेत्र में हुए हैं। इस घटना के बाद स्थानीय पशु प्रेमी और रेस्तरां में शांतिप्रिय का नाम है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला वन विभाग के अधिकारी विजय कुमार का है। आरोप है कि वह शैतानों को तरह-तरह से इस्तेमाल करती है, जिसमें तंत्र-मंत्र और काले जादू का इस्तेमाल किया जाता है।
पशु प्रेमियों की मांग
घटना की जानकारी बैठक के बाद पशु प्रेमी और उपनाम सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इस अनमोल कृति की कड़ी निंदा करते हुए ‘एक्शन अगेंस्ट एक्शन’ की मांग की है। पशु अधिकार कार्यकर्ता ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल जांच शुरू कर दी है और कड़ी कानूनी कार्रवाई की अपील की है।
वन दाराज पहले भी सब्जी में
वन दराज विजय कुमार पहले भी बसंती में रह चुके हैं। इसमें पहले भी पैमाइशों के शोषण और अवैध शिकार का आरोप शामिल है। हालाँकि, इन मामलों के विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे उनकी स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा।
नवीनतम में अंतिम
पुनर्वितरण का कहना है कि वन विभाग का यह प्राकृतिक संरक्षित संरक्षण के लिए खतरा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मानकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। और कानून के सिद्धांतों में विश्वास लाया जाए।
यह घटना केवल सामान्य सुरक्षा पर सवाल नहीं उठाती है, बल्कि प्रशासन और वन विभाग की अनदेखी पर भी गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं। इस मामले में प्रशासन की सक्रिय कार्रवाई से पशु प्रेमियों और स्थानीय निवासियों का विश्वास बहाल हो सकता है। सहसवान वन विभाग रेंज में एक गंभीर और विविध मामला सामने आया है। यहां सियार के सिर और पैर केट के दर्शन क्षेत्र में हुए हैं। इस घटना के बाद स्थानीय पशु प्रेमी और रेस्तरां में शांतिप्रिय का नाम है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला वन विभाग के अधिकारी विजय कुमार का है। आरोप है कि वह शैतानों को तरह-तरह से इस्तेमाल करती है, जिसमें तंत्र-मंत्र और काले जादू का इस्तेमाल किया जाता है।
पशु प्रेमियों की मांग
घटना की जानकारी बैठक के बाद पशु प्रेमी और उपनाम सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इस अनमोल कृति की कड़ी निंदा करते हुए ‘एक्शन अगेंस्ट एक्शन’ की मांग की है। पशु अधिकार कार्यकर्ता ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल जांच शुरू कर दी है और कड़ी कानूनी कार्रवाई की अपील की है।
वन दाराज पहले भी सब्जी में
वन दराज विजय कुमार पहले भी बसंती में रह चुके हैं। इसमें पहले भी पैमाइशों के शोषण और अवैध शिकार का आरोप शामिल है। हालाँकि, इन मामलों के विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे उनकी स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा।
नवीनतम में अंतिम
पुनर्वितरण का कहना है कि वन विभाग का यह प्राकृतिक संरक्षित संरक्षण के लिए खतरा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मानकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। और कानून के सिद्धांतों में विश्वास लाया जाए।
यह घटना केवल सामान्य सुरक्षा पर सवाल नहीं उठाती है, बल्कि प्रशासन और वन विभाग की अनदेखी पर भी गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं। इस मामले में प्रशासन की सक्रिय कार्रवाई में पशुधन और स्थानीय निवासियों का विश्वास है
