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समीर वानखेड़े:
गुरुवार को केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा को बताया कि 2018 से नियुक्त 698 हाईकोर्ट जजों में से 108 महिलाएं हैं।
संसद सदस्य नीरज दांगी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2018 से अब तक 22 नियुक्तियां SC 15 ST, 87 OBC कैटेगरी और 37 अल्पसंख्यक समुदायों से हैं।
जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के जजों के संबंध में केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसे न्यायालयों में कार्यरत कुल 20,466 जजों में से 3,871 जज (या कुल संख्या का 19%) SC/ST वर्ग के हैं।
सांसद दांगी ने अन्य बातों के साथ-साथ देश में कार्यरत न्यायालयों में नियुक्त कुल जज में से SC/ST वर्ग के न्यायाधीशों का प्रतिशत राज्यवार जानना चाहा था।
अपने उत्तरों में केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध कर रही है कि वे जजों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं से संबंधित उपयुक्त उम्मीदवारों पर उचित विचार करें, जिससे हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति में सामाजिक विविधता सुनिश्चित की जा सके।
सांसद दांगी ने हाईकोर्ट में अधिक महिला और SC/ST जजों की नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी लेकिन उत्तर में कहा गया कि जिला न्यायपालिका के जजों के ऐसे आंकड़े केंद्रीय रूप से नहीं रखे जाते हैं।
देश में न्यायाधीश-जनसंख्या अनुपात के अनुसार प्रति लाख लोगों पर नियुक्त जजों की संख्या के बारे में पूछे गए सवाल पर कानून मंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर, 2024 तक देश में न्यायाधीश-जनसंख्या अनुपात प्रति मिलियन जनसंख्या पर लगभग 21 जज बैठते है।