बस्ती

क्या लेना देना उनको देश की भलाई से,जो भरते है जेब अपनी झूठी कमायी से

क्या लेना देना उनको देश की भलाई से,जो भरते है जेब अपनी झूठी कमायी से

 

जनपद बस्ती में मुख्य रूप से विकासवादी नितियों के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विकास के प्रति खिलवाड़ किया जा रहा है और जिम्मेदार मुख्य विकास अधिकारी एवं डीसी मनरेगा के कार्य शैली पर सवाल उठाए जा रहा है जनपद के जिम्मेदार विभागीय अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास के लिए लाखों करोड़ों का बजट मुहैया करवाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं दूसरी तरफ से संलिप्त होकर सेंधमारी करवाने का काम जिम्मेदार अधिकारीयों के अगुवाई में करवाया जा रहा है इस तरह भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी लाखों करोड़ों का गमन करवा रहे हैं ठीक इसी तरह से बड़े पैमाने पर फर्जी कागजी दस्तावेजों से सरकार के सरकारी योजनाओं को धराशाई करवा रहे हैं। मनरेगा कामों को लेकर जिस तरह सरकार अपनी नीतियों के अनुरूप लाखों करोड़ों का बजट जिला स्तर पर मुहैया करवा रही है ठीक उस तरह का विकास ग्राम पंचायत में जिम्मेदारों द्वारा नहीं करवाया जा रहा राष्ट्रीय महात्मा गांधी मनरेगा में सरकारी समीकरण के अनुसार विकास खंडों में बजट मुहैया तो करवाया जा रहा है परंतु विकासखंड के जिम्मेदार विकासखंड अधिकारी सचिव एवं रोजगार सेवक के आपसी मिली भगत से लाखों करोड़ों का काम में जमकर लूटपाट एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है इस तरह से कागजों में सिर्फ काम कराया जा रहा है सरकारी धन का बंदरबांट एवं दुरपयोग करवाया जा रहा है जब शिकायत के प्रश्न उठते हैं तो जिम्मेदार अपनी कमियां खामियां छुपाने लगते हैं जब मामला अति गंभीर हो जाता है तो भ्रष्टाचार का दोष एक दूसरे पर डालकर बिखेरते रहते हैं और जनता को गुमराह करते रहते हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा मात्र कुछ लोगों के कहने के अनुसार फर्जीवाड़ा जांच आख्या संलग्न किया जा रहा है मानक विहीन मनरेगा में कराए गए कार्यों का भुगतान विकासखंड अधिकारी गौर द्वारा मनमानी तरीके से भुगतान के लिए अप्रूवल कर दिया जा रहा है जबकि ब्लॉक गौर में भ्रष्टाचार की खबरे से एक मुहिम रिकॉर्ड कायम कर रही है जिले के जिम्मेदार डीएम एवं सीडीओ द्वारा जहां जांच एंव आवश्यक विधिक कार्रवाई करनी चाहिए थी और जनहित समस्याओं का निराकरण करने के लिए उचित कार्रवाही करनी चाहिए थी किन्तु जिम्मेदार अधिकारी उचित कार्यवाही नहीं कर रहे हैं ऐसे में विकासखंड अधिकारी गौर अपनी जिम्मेदारियों को भूल जा रहे हैं। तथा गैर जिम्मेदारियां अपनाये अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं जब तथ्यो के बिषयो के बारे में डीसी मनरेगा से संपर्क कर जानकारी लिया गया तो डीसी मनरेगा संजय शर्मा द्वारा पहले तो जानकारी देने में हिलाहवाली करने लगे और फिर एक ही शब्द में कहने लगे की लिखित शिकायत कीजिए उसके ऊपर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी यह कहकर मोबाइल डिस्कनेक्ट कर दिए उसके मुख्य विकास विकास अधिकारी से सम्पर्क किया गया लेकिन महोदय द्वारा काल रिसीव नही किया गया उसके पश्चात -जांच का नेतृत्व कर रहे प्रशांत खरे से सम्पर्क किया गया जांच प्रकरण पर सवाल पूछा गया तो उनके द्वारा भी हिल्ला हवाली किया गया और आडियो पंचायत से पूछ लिजिए कहकर काल डिस्कनेक्ट कर दिये फिर लास्ट मे आडियो पंचायत श्याम बिहारी से जब सम्पर्क किया गया तो उन्होने पल्ला झाडते है कल बताउंगा कह कर काल डिस्कनेक्ट कर दिये जबकि सुबे के मुखिया का आदेश है कि जीरो टॉलरेंस के अनुसार मेरी सरकार काम कर रही है लेकिन प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी मिलकर सरकार को बदनाम कर रहे हैं।और लाखो करोड़ रुपए का घोटाला कर रहे जिम्मेदार अधिकारियो कि मिलीभगत नही है तो क्या ?आखिर क्यो गुमराह कर रहे है ,क्या सूबे मुखिया योगी महाराज जी कि सरकार मे ऐसे ही कमिशन पर खेल होता रहेगा ,ग्राम पंचायत के विकास मे जिम्मेदार-कागजी कार्यवाही पूर्ण करके लाखो करोडो गमने करते रहेंगे ?आखिरकार कबतक कमिशन खोरी पर विकास पटरी दौडेगी ,आखिर कब ?सूबे के मुखिया योगी महराज जी द्वारा संज्ञान भी मे लिया जायेगा ऐसे मे दोषियों पर कार्यवाही किया जायेगा ??

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