

बांगरदा:- (खरगोन) ग्राम बांगरदा में गणगौर उत्सव की परंपरागत शुरुआत की गई। हिंदू पंचांग की ग्यारस के दिन ग्रामीण महिलाएं ग्राम सरपंच श्रीमती उर्मिला मालाकार, श्रीमती बिना पटेल, श्रीमती मंजुला चौकड़े, श्रीमती सुजाता चौकड़े, भावना चौकड़े, श्रीमती रेवा फुलकर ग्राम की महिलाओं के साथ निमाड़ी गणगौर गीत गाते हुए समूह में होलिका दहन स्थल पर पहुंची। होलिका दहन स्थल पर महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजन किया गया एवं चुनरी औड़ायी गई।
पूर्व सरपंच श्रीमती संतोष चौकड़े ने बताया कि बांगड़ा क्षेत्र में गणगौर उत्सव की शुरुआत चैत्र माह की ग्यारस के दिन से होती है। ग्राम की महिलाएं होलिका दहन स्थल पर पूजन कर गणगौर माता के “खड़े” लाती है। एवं माता की बाड़ीयों में गणगौर रथ सजाने वाले परिवारों द्वारा बास की छोटी-छोटी टोकनियां माता की बाड़ी में दी जाती है।एवं पुजारी द्वारा पूरी पवित्रता के साथ खेत से उपजाऊ मिट्टी लायी जाएगी एवं पवित्र मिट्टी एवं कुछ गेहूं छोटी-छोटी टोकरियों में भरकर माता की बाड़ी में पंडित द्वारा पूरी पवित्रता के साथ मिलाकर स्थापित की जाती है। जिसकी 8 दिन तक पंडित द्वारा प्रतिदिन परंपरागत विधि विधान से पूजा कर पवित्र जल द्वारा सिंचाई की जाती है। एवं चैत्र माह की तीज के दिन घर-घर में गणगौर माता विराजित होती है। बांगरदा में लगभग 200 परिवारों द्वारा गणगौर रथ सजाए जाएंगे। एवं प्रत्येक परिवार में गणगौर आगमन की खुशी में स्नेह भोज आयोजित किया जाएगा।
सरपंच श्रीमती उर्मिला मालाकार ने बताया कि गणगौर उत्सव महिलाओं का विशेष उत्सव है। इसके लिए ग्राम पंचायत द्वारा गलियों में साफ सफाई के साथ विद्युत व्यवस्था की जा रही है। अपने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि गणगौर पर पवित्रता का पर्व है। इसमें अपने घरों की साफ सफाई का समस्त कचरा गलियों में नहीं फेके। दूर स्थान पर फेके ।जिससे गलियां साफ रहे एवं महिलाओं को निकलने में परेशानी ना हो त्योहार को देखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एवं पर्याप्त जलापूर्ति की जाएगी। अपने सभी ग्रामीणों को गणगौर उत्सव की शुभकामनाएं दी।
- :- रामेश्वर फुलकर पत्रकार बांगरदा