
कौशल विकास स्नातक समय की मांग
बुन्देलखण्ड में किशोर युवाओं के उच्चा शिक्षा में प्रवेश के लिये जागरुकता का आभाव देखा गया यहां युवा सरकारी नौकरी के चक्कर में अपना समय और बचा हुआ धन भी खो रहे हैं ऐसे में प्राचारित प्रसारिक राष्टीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को कौशल विकास स्नातक पाठ्यक्रम लाई है जिसका पाठ्यक्रम का 70-80% प्रशिक्षणात्म और 30-20% पाठ्यक्रम सैद्धांतिक है जो युवाओं को सिर्फ और सिर्फ आत्मनिर्भर और रोजगारवान बनाने का अवसर दिया जाता है डीपीएमआई बांदा आनलाइन कौशल केन्द्र प्रभारी डा. रमाकान्त द्विवेदी बताते हैं कि यहां का किशोर युवा स्नातक के तीन वर्ष परास्नातक के दो वर्ष अन्य शिक्षण प्रशिक्षण में दो वर्ष गवां बैठता है जब की ये सात वर्ष का समय उनकी सिर्फ नौकरी के लिये मात्र पात्रता फार्म डालने का औसर देता न ही 100% नौकरी सहायक वहीं बैचलर आफ वोकेशनल कोर्स एक दुधारू की तरह है यदि आपके पास हुनर कला और पर्याप्त कौशल है तो आपके पास नौकरियों की कमी नहीं यह व्यवसायिक डिग्री कोर्स प्रत्येक सेमेस्टर में आपको मार्कशीट प्रदान करती है जो आपको रोजगार नौकरी से जोड़ता है जिस प्रकार दुधारू जानवर की मांग ज्यादा है कौशल विकास भी आज के समय में दुधारु विषय है। डा. द्विवेदी बताते हैं कि इस समय स्वास्थ्य क्षेत्र में स्थानीय रोजगार अवसर अधिक है जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान हेल्थ एण्ड न्यूटी्शियन चाइल्ड केयर एवं एजुकेशन इसके अलावा एलाइड साइंस मेडिकल लैब टेक्नीशियन आपरेशन थियेटर टेक्नीशियन रेडियो इमेंजिंग टेक्नोलाजी नेत्र सहायक हृदय रोगी देख-भाल डायलिसिस टेक्नीशियन जैसे रोजगारपरक विश्वविद्यालीय पाठ्क्रमों में स्नातक डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त कर रोजगारोन्मुखी बन सकते हैं अधिक जानकारी के लिये स्नातक एनईपी 2020 के व्यवसायिक शिक्षा कैरियर गाइडेंस डा. द्विवेदी 8929000539 पर भी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।