मयूर सोनी की रिपोर्ट
चंबल रिवर फ्रंट के आकर्षणॊं में विश्व की सबसे बड़ी घंटी सांचे से बाहर आने की अब उम्मीद जगी है, ढलाई के बॉक्स खोलने के लिए अब फिर से प्रयास शुरू हुए हैं, घंटी की दलाई करवाने वाले आयरन मैन इंजीनियर देवेंद्र आर्य के असिस्टेंट बॉक्स खोलना को अब राजी हो गए हैं, उन्होंने इसको देखते हुए काम शुरू भी कर दिया है, चंबल रिवर फ्रंट पर 79000 किलो वजनी घंटी लगाई जानी है, करीब 18 करोड रुपए के इस प्रोजेक्ट में घंटी ढलाई का काम पूरा हो चुका है, घंटी बनाने वाले इंजीनियर देवेंद्र आर्य नवंबर में इसे खुलवा रहे थे तभी अचानक से हादसा हो गया और उनकी मृत्यु हो गई, अभी कुछ हिस्सा खोला जा रहा है सफलता मिलने पर अन्य बॉक्स भी खोले जाएंगे खुलने के बाद पता चलेगा ढलाई सही है या नहीं ?