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मंडला: विंध्य शिक्षा समिति कॉलेज में गूंजी ‘आपातकाल’ की यादें, युवाओं ने जाना लोकतंत्र का महत्व।

मंडला MP न्यूज़ उच्च :– शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार, विंध्य शिक्षा समिति कॉलेज, खैरी में **संविधान हत्या दिवस** पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर **"आपातकाल कब, क्यों और कैसे"** विषय पर एक गहन परिचर्चा संपन्न हुई, जिसमें डॉ. अभिलाष पांडे, विधायक, उत्तर मध्य विधानसभा जबलपुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

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मंडला MP हेमंत नायक महाराजपुर

मंडला MP न्यूज़ उच्च :– शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार, विंध्य शिक्षा समिति कॉलेज, खैरी में संविधान हत्या दिवस पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “आपातकाल कब, क्यों और कैसे” विषय पर एक गहन परिचर्चा संपन्न हुई, जिसमें डॉ. अभिलाष पांडे, विधायक, उत्तर मध्य विधानसभा जबलपुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रफुल्ल मिश्रा (अध्यक्ष, भाजपा मंडला), जयदत्त झा (सांसद प्रतिनिधि), रानू राजपूत (नगर अध्यक्ष मंडला), आशीष झरिया (युवा मोर्चा अध्यक्ष) और रवि सोनवानी उपस्थित रहे। विंध्य शिक्षा समिति कॉलेज, खैरी के प्राचार्य डॉ. आशीष ज्योतिषी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

  • कार्यक्रम का शुभारंभ और उद्देश्य

कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार पटेल और मां भारती के तैैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। डॉ. आशीष ज्योतिषी ने आपातकाल की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि गृह मंत्रालय की 11 जुलाई 2024 की अधिसूचना के अनुसार, 25 जून के दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में अधिसूचित किया गया है। भारत सरकार के निर्देशानुसार, इस वर्ष 25 जून को राष्ट्र में आपातकाल लागू होने की 50वीं वर्षगांठ मनाई जानी है। इसी के चलते महाविद्यालय में “आपातकाल कब, क्यों और कैसे” विषय पर यह परिचर्चा रखी गई है।

  • आपातकाल: इतिहास का काला दिन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रफुल्ल मिश्रा ने कहा कि आज का दिन इतिहास का काला दिन है। उन्होंने बताया कि 1975 में इसी दिन नागरिक स्वतंत्रता का व्यापक निलंबन, संवैधानिक सुरक्षा उपायों का क्षरण और कार्यकारी शक्ति का केंद्रीकरण देखा गया था। इस दिन से लेकर 21 महीनों तक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया। उन्होंने जोर दिया कि आज की पीढ़ी को देश के इस महत्वपूर्ण और कठिन दौर को जानने की आवश्यकता है।

  • अकल्पनीय दौर और लोकतांत्रिक मूल्यों का स्मरण

मुख्य अतिथि विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दिन को याद करते ही रूह कांप जाती है। उन्होंने उस दौर को अकल्पनीय बताया, जिसे हमारे देश ने देखा है। उन्होंने स्वीकार किया कि वैसे तो दो बार और आपातकाल लगा, पर यह आपातकाल नैतिक मूल्यों के विपरीत था। उन्होंने कहा कि आज का दिन न केवल इस विभीषिका को स्मरण करने का अवसर है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक नैतिकता के प्रति नई प्रतिबद्धता का भी अवसर है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को आपातकाल कब, क्यों और कैसे लगा, इसकी विस्तार से जानकारी प्रदान की।

  •  सम्मान और समापन

महाविद्यालय द्वारा स्मृति चिन्ह देकर डॉ. अभिलाष पांडे का सम्मान किया गया। मंच संचालन और आभार जयदत्त झा ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने सहभागिता दर्ज की। यह परिचर्चा वर्तमान पीढ़ी को देश के इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय से अवगत कराने में सफल रही।

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