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महाराजपुर खेल मैदान की दुर्दशा पर युवाओं में आक्रोश: 5 दिन में समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी

जिले के उपनगर क्षेत्र महाराजपुर स्थित दादा धनीराम वार्ड का एकमात्र खेल मैदान बदहाली और अतिक्रमण का शिकार हो गया है, जिससे स्थानीय युवाओं और खेल प्रेमियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

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मंडला MP हेमंत नायक महाराजपुर

ब्रेकिंग न्यूज़ मंडला महाराजपुर:–जिले के उपनगर क्षेत्र महाराजपुर स्थित दादा धनीराम वार्ड का एकमात्र खेल मैदान बदहाली और अतिक्रमण का शिकार हो गया है, जिससे स्थानीय युवाओं और खेल प्रेमियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। यह मैदान, जो कभी युवाओं की खेल प्रतिभाओं को निखारने का केंद्र था, आज अपनी पहचान खोता जा रहा है।

मैदान की बदहाली और अतिक्रमण का दंश

खेल मैदान की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है। सड़क चौड़ीकरण और सीवर लाइन बिछाने के कार्यों के दौरान मैदान में भारी मात्रा में ईंट, गिट्टी और रेत जैसी निर्माण सामग्री एकत्र कर दी गई थी, जिससे मैदान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जगह-जगह गड्ढे और बिखरी हुई सामग्री ने इसे खेलने लायक नहीं छोड़ा है। इसके अतिरिक्त, मैदान के समीप रहने वाले लोगों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किए जाने से इसका वास्तविक रकबा लगातार कम होता जा रहा है। इस अतिक्रमण के कारण युवाओं को अभ्यास करने और अपनी खेल प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है।

प्रशासन की उपेक्षा और युवाओं की निराशा

स्थानीय युवा और खेल प्रेमी इस समस्या को लेकर लंबे समय से प्रयासरत हैं। उन्होंने कई बार नगरपालिका सीएमओ और पार्षदों को मौखिक और लिखित रूप से अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस या सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। यह स्थिति तब है जब शासन-प्रशासन युवाओं को उत्तम स्वास्थ्य और प्रतिभा प्रदर्शन के लिए सुविधाएँ प्रदान करने की बात करता है। नगर परिषद द्वारा बनाया गया यह उपयोगी खेल मैदान, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी उनकी ही है, आज अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है, जो स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।

युवाओं की प्रमुख मांगें

युवाओं और खेल प्रेमियों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देने को कहा है:

  • समतलीकरण और सुविधाओं का विस्तार: क्षतिग्रस्त खेल मैदान का प्राथमिकता के आधार पर समतलीकरण किया जाए और इसे सर्व-सुविधा युक्त अवस्था में प्रदान किया जाए ताकि युवा सुरक्षित रूप से खेल सकें।

  • सीमांकन और सुरक्षा: खेल मैदान का तत्काल सीमांकन कर उसके पूर्ण रकबे को सुरक्षित किया जाए। अवैध अतिक्रमण को हटाकर मैदान को उसके मूल स्वरूप में वापस लाया जाए।

  • विद्युत लाइनों को हटाना: खेल मैदान में लगे विद्युत लाइन और विद्युत खंभों को हटाकर सुरक्षित बनाया जाए, क्योंकि ये खिलाड़ियों के लिए खतरा पैदा करते हैं।

  • बाउंड्री वॉल का निर्माण: जितनी सीमा में खेल मैदान है, उसके चारों तरफ बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाए ताकि मैदान की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और आगे से अतिक्रमण न हो।

आंदोलन की चेतावनी

युवाओं और खेल प्रेमियों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अगले 5 दिनों के भीतर इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्यवाही कर निराकरण नहीं किया गया, तो युवा मजबूर होकर उग्र आंदोलन और चक्का जाम करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस स्थिति में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

महाराजपुर का यह खेल मैदान सिर्फ एक खाली जगह नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं के सपनों और खेल के प्रति उनके जुनून का प्रतीक है। इसकी बदहाली को दूर करना और इसे पुनः खेलने लायक बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है ताकि क्षेत्र की खेल प्रतिभाएं प्रभावित न हों और उन्हें आगे बढ़ने का उचित अवसर मिल सके।

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