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गरीबों का निवाला लूटने वाला संगठित रैकेट बेनक़ाब

वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़ डिस्ट्रिक्ट हेड चित्रसेन घृतलहरे, 13 जून 2025//पेंड्रावन//PDS चावल की चोरी में ट्रक ड्राइवर, सहयोगी और कुख्यात खरीदार रंगे हाथ पकड़े गए | सूत्रों से खुलासा – वेयरहाउस के अफसर शक के घेरे में |

सरकार द्वारा निर्धन और जरूरतमंदों को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराने की मंशा को कुछ लालची तत्वों और भ्रष्ट सिस्टम ने ठेंगा दिखा दिया है। सरसींवा-भटगांव रोड स्थित भिनोदा गांव में घटित एक सनसनीखेज घटनाक्रम ने PDS घोटाले के एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश कर दिया है, जिसमें सिर्फ ट्रक चालक और स्थानीय खरीदार ही नहीं, बल्कि सूत्रों के मुताबिक वेयरहाउस के भीतर बैठे अधिकारी तक शामिल हो सकते हैं।

सड़क किनारे ट्रक में लदा था राशन – पकड़ा गया खेल:-

पिछले दिन, ग्रामीणों को एक ट्रक (CG 22 C 0753) संदिग्ध स्थिति में सुनसान स्थान पर खड़ा मिला। यह ट्रक PDS वेयरहाउस से ग्रामीण सोसायटी में चावल की डिलीवरी पर था, लेकिन बीच रास्ते में इसे रोका गया। वहीं, खम्हरिया का कुख्यात दुकानदार ‘जारहा सेट’ का पिकअप वाहन वहां खड़ा मिला जिसमें ट्रक से बोरी-बोरी चावल लादा जा रहा था। स्थानीय ग्रामीण जयप्रकाश बंजारे, मनीष खंडेलवाल व पंचायत पंच आनंद लहरे की सतर्कता से यह गोरखधंधा उजागर हुआ जिसके बाद गाँव के अन्य लोगो को भी बुलाया गया । ग्रामीणों ने वीडियो बनाना शुरू किया तो पिकअप चालक भाग खड़ा हुआ, लेकिन ट्रक ड्राइवर और उसका साथी रंगे हाथ पकड़ लिए गए। पूछताछ में ड्राइवर ने “सिर्फ दो बोरी” बेचने की बात स्वीकारी, पर ग्रामीणों ने ACE पिकअप जैसे वाहन की मौजूदगी से इसके पीछे बड़े पैमाने पर चोरी की साजिश की ओर इशारा किया।

सूत्रों का दावा – ये ‘रैकेट’ वर्षों से सक्रिय, संभवतः अफसरों की शह से चलता है खेल:-
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इस तरह की घटनाएं पहले भी भिनोदा-सेमरिया, गिरसा-गोपालपुर जैसे क्षेत्रों में होती रही हैं। लोगों को शक तो पहले भी था कि यह चावल उनका राशन ही है, लेकिन अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है। सूत्रों के अनुसार, महीनों मे सैकड़ों बोरी PDS चावल ट्रकों से उतार कर जारहा सेट के घर पर स्टॉक किया जाता है, जिसे वह बाद में बड़े व्यापारियों को ऊंचे दामों में बेचता है। यह खेल केवल ट्रक चालकों और सहयोगियों तक सीमित नहीं – वेयरहाउस के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इतनी भारी मात्रा में चावल का निकलना संभव नहीं। अंदेशा है कि लाखों की काली कमाई इस गोरखधंधे से की जा रही है, जिसमें प्रशासन के अंदर बैठे कुछ चेहरे भी संलिप्त हैं। क्योंकि pds से निकलने वाला चावल निश्चित मात्र मे निकलता है।

सिर्फ चोरी नहीं, ये गरीबों के हक पर हमला है:-
यह सिर्फ कुछ बोरियों की चोरी नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं को कमजोर करने वाला जनविरोधी षड्यंत्र है। ये चावल उन परिवारों के लिए था जो महीने भर इसी राशन पर निर्भर रहते हैं। इस तरह की हरकतें केवल अपराध नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध हैं।

मामले में FIR दर्ज कर, निम्नलिखित धाराओं में कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है:-
IPC धारा 379 – चोरी
IPC धारा 409 – लोकसेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात
IPC धारा 411 – चोरी की संपत्ति को जानबूझकर खरीदना
IPC धारा 120B – आपराधिक षड्यंत्र
IPC धारा 34 – साझा आपराधिक मंशा
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 7 – कालाबाज़ारी और जमाखोरी (7 वर्ष तक की सजा और जुर्माना)

ग्रामीणों की मांग – उच्चस्तरीय जांच और कठोर सजा:-
इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग की है कि SDM और खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाई जाए। वेयरहाउस से कितनी बार कितनी मात्रा में अतिरिक्त चावल निकाला गया है, इसकी जांच CCTV फुटेज, रजिस्टर और GPS ट्रैकिंग के आधार पर की जानी चाहिए। तथा स्वतंत्र जाँच टीम बना वियर हाउस से किसके मदद से निकलता है से लेकर ट्रक, खरीदार जारहा सेट और इसके द्वारा किस बड़े डीलर को बेचा जाता है इस पुरे लिंक की जाँच की जाये इससे एक बड़े रॉकेट का पर्दाफास होगा।

लोगो का कहना है की यदि इस पर शासन प्रशासन उचित कार्यवाही नहीं करेंगी और अपराधियों को बचाने की कोशिश करेंगी तो हाई कोर्ट मे जनहित याचिका लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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