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प्रयागराज जल उठा: भीम आर्मी के उग्र प्रदर्शन से शहर दहला, पुलिस की व्यवस्था ध्वस्त – CM योगी नाराज़, अफसरों पर गिरेगी गाज!

पुलिस प्रशासन पूरी तरह बेबस नजर आया और हालात तब काबू में आए जब PAC और अतिरिक्त बलों को मैदान में उतारना पड़ा।

🔴 प्रयागराज हिंसा: भीम आर्मी का बेकाबू प्रदर्शन, पुलिस पर हमला, 8 वाहन क्षतिग्रस्त, पूरे शहर में दहशत – कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल

प्रयागराज। सोमवार, 30 जून 2025 को प्रयागराज की सड़कों पर तबाही का मंजर देखने को मिला जब भीम आर्मी के हजारों कार्यकर्ता अचानक सड़कों पर उतर आए और हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन इतना उग्र था कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह पस्त नजर आया और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट की सीमा के अंदर आने वाले सिविल लाइंस, कीडगंज, अतरसुइया, कटरा और हंडिया जैसे प्रमुख इलाकों में हिंसक भीड़ ने तोड़फोड़, आगजनी, पुलिस पर पथराव और वाहनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों और व्यापारियों के मुताबिक, सुबह जैसे ही कार्यकर्ता झुंडों में आकर सड़कों पर उतरे, अफरा-तफरी मच गई। दुकानों के शटर बंद होने लगे, बाजार खाली हो गए और आम लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के कम से कम 8 वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया, जिनमें एक PRV, एक वायरलेस वाहन और एक थानेदार की सरकारी जीप शामिल थी।

सूत्रों के अनुसार, यह प्रदर्शन हाल ही में वायरल हुए एक दलित युवक के साथ हुए कथित पुलिस उत्पीड़न के विरोध में किया गया था, लेकिन प्रशासन को न तो इसकी भनक थी और न ही किसी प्रकार की अनुमति ली गई थी। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग किया, मगर भीड़ बेकाबू होती चली गई। कुछ पुलिसकर्मी भी हल्के रूप से घायल हुए हैं जिन्हें SRN हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने RAF और PAC की दो कंपनियों को बुलवाया और इलाके में फ्लैग मार्च शुरू कराया गया। हालांकि हालात देर शाम तक नियंत्रण में तो आ गए, लेकिन पूरे शहर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। धारा 144 लागू कर दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं पर भी आंशिक रोक लगाई गई है।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन में शामिल उपद्रवियों की पहचान CCTV फुटेज, वायरल वीडियो और ड्रोन कैमरों से की जा रही है और अब तक 42 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सिविल लाइंस, कीडगंज और अतरसुइया थानों में FIR दर्ज कर ली गई है और साजिश की आशंका को भी जांच में शामिल किया गया है। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने मीडिया से कहा कि इस घटना को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल भेजा जाएगा।

उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह, IG प्रयागराज रेंज और मंडलायुक्त से तत्काल रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज के कुछ अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला है। सपा और बसपा नेताओं ने कहा कि दलित उत्पीड़न की घटनाएं प्रदेश में बढ़ रही हैं और सरकार सिर्फ ‘बुलडोजर मॉडल’ दिखाकर पीठ थपथपा रही है। वहीं भाजपा प्रवक्ताओं ने भीम आर्मी को “शांति भंग करने वाला संगठन” बताते हुए इसे सुनियोजित साजिश करार दिया है।

इस बीच शहर में आमजन भयभीत हैं। स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है, कई परीक्षाएं टाल दी गई हैं और प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा है। व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके। इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है, खासकर तब, जब मुख्यमंत्री योगी खुद ‘शासन में अपराध पर जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हैं। सवाल ये है कि अगर इतने बड़े प्रदर्शन की कोई भनक नहीं लगी तो पुलिस की खुफिया इकाइयाँ क्या कर रही थीं?

यह हिंसक प्रदर्शन सिर्फ एक दलित मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे सुरक्षा तंत्र के लिए एक चेतावनी है – कि भीड़तंत्र कब, कहां और कैसे प्रशासन को झुका सकता है।

✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083

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