
अंबेडकरनगर
जलालपुर तहसील के भियांव ब्लॉक की ग्राम सभा पैकौली में मनरेगा के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। गांव वालों और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव और खंड विकास अधिकारी की मिलीभगत से मनरेगा में फर्जी मास्टर रोल बनाकर सरकार के पैसों की बंदरबांट की जा रही है।ग्रामीणों का आरोप है कि मजदूरों के नाम पर एक ही फोटो को स्कैन कर बार-बार लगाकर मास्टर रोल तैयार किया जा रहा है। इसके बाद बिना असली काम कराए भुगतान हो जाता है और एपीओ से लेकर ग्राम सचिव तक आंखें मूंदे बैठे हैं।मौजूदा हालात देखकर गांव वालों का कहना है कि यह खेल बगैर ऊंची कुर्सियों की मेहरबानी के संभव नहीं। या तो अधिकारियों ने आंखों पर काला चश्मा चढ़ा रखा है या फिर हर महीने उनकी जेबें भी हरियाली देख रही हैं।गांव के लोगों का कहना है कि योगी सरकार की विकास योजनाओं को पलीता लगाने में यही अधिकारी और जनप्रतिनिधि सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। अगर समय रहते जांच न हुई तो पूरे वित्तीय वर्ष में मनरेगा के नाम पर लाखों-करोड़ों की लूट का आंकड़ा सामने आ सकता है।ग्रामीणों ने डीएम और शासन से मांग की है कि पैकौली में चल रहे इस फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि गरीब मजदूरों के हक का पैसा बिचौलियों की जेब में न जाए।अब देखना होगा कि जिम्मेदार अफसर कब तक आंखें मूंदे बैठे रहते हैं या इस खुलासे के बाद कोई बड़ी कार्रवाई होती है!