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सभी निजी स्कूलों में पुस्तकें, यूनीफार्म व अन्य सामग्री बेचने पर अंकुश लगाये जाने के आदेश जारी

भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भोपाल कौशलेन्द्र विकम सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जन सामान्य के हित में सभी अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें एवं यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री बेचे जाने पर अंकुश लगाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिये हैं।जारी आदेश अनुसार भोपाल जिले में संचालित सभी अशासकीय विद्यालय, जो माध्यमिक शिक्षा मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आई.सी.एस.ई. बोर्ड से सम्बद्ध हैं। इन सभी विद्यालयों को मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण 2 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सभी अशासकीय विद्यालयों के लिये यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तको की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके। प्रत्येक स्कूल प्रबंधक, प्राचार्य अपने रूकूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID deobho- mp@nic.in पर अनिवार्यतः प्रेषित करें। किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नही होना चाहिये। विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जाए कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नही है। कही से भी पुस्तकें या यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है। पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कापियों आदि भी उन्ही की शालाओं से उपलब्ध, विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जाएगा। विद्यालय की स्टेशनरी, यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा एक विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तके बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। संबंधित एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित करायेंगें । यह आदेश आम जनता को संबोधित है चूंकि वर्तमान में ऐसी परिस्थितियां नहीं है और न ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को दी जाए। अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है। आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, विद्यालय के प्राचार्य, प्रबंधक के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।

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