
मुरादाबाद के पाकबड़ा नगर के बड़ा मंदिर मोहल्ला निवासी किसान घनश्याम सिंह सैनी की हत्या 12 साल पहले पुरानी रंजिश में उनके ही पड़ोसी ने की थी। आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि 12 साल पहले उस पर एक युवती से छेड़खानी का आरोप लगा था।
घनश्याम ने गले में जूते चप्पल की माला पहनाई थी और मुंह पर कालिख पोत दी थी। उसी अपमान का बदला लेने के लिए घनश्याम को मारा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।घनश्याम सैनी खेतीबाड़ी के अलावा पाकबड़ा के साप्ताहिक बाजार की ठेकेदारी भी करते थे। 16 अक्तूबर की रात घटना से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने साप्ताहिक बाजार में उगाही करने के बाद अन्य ठेकेदारों के साथ बैठ कर रुपयों का बंटवारा किया था।
बाजार में घनश्याम के अलावा कई और ठेकेदार भी शामिल थे। पुलिस ने इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की और सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। घटना वाली रात मोहल्ले में रहने वाला मनवीर सैनी दिखाई दिया।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। उसने पुलिस को बताया कि 12 साल पहले एक युवती से छेड़खानी के मामले को लेकर उसे जूते चप्पलों की माला पहनाकर मुंह पर कालिख लगाकर पूरे मोहल्ले में घुमाया गया था। इसी का बदला लेने को उसने हत्या कांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने चाकू और खून से सने कपड़े बरामद किए हैं।
तीन साल पहले राजस्थान में खरीदा चाकू
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने यह चाकू तीन साल पहले राजस्थान से खरीदा था और वह पिछले तीन साल से घनश्याम सिंह की हत्या की योजना बना रहा था। मनवीर सैनी ड्राइवर है और वह ट्रक चलाता है। उसके घर में उसके मां-बाप है और काेई नहीं है। उसकी शादी नहीं हुई है और वह पूरा दिन जब घर पर रहता था तो दर्द भरे गानों को तेज आवाज में सुनता था।
वह लगातार अपने अपमान का बदला लेने की तलाश में था। आरोपी मनवीर सैनी ने बताया कि उसे घनश्याम सिंह को मारने का सही मौका नहीं मिल रहा था। जब उसे मौका मिला तो वह देर रात घनश्याम सिंह के पीछे-पीछे खेत पर चला गया और वहां उसकी हत्या कर दी।
हत्या करने के बाद काटी नाक
आरोपी ने बताया कि उसने चाकू से हमलाकर घनश्याम की हत्या की थी। इसके बाद उसने घनश्याम की नाक इसलिए काटी थी कि वह अपमान का बदला लेना चाहता था। 12 साल पहले मेरे साथ हुई घटना में सबसे आगे घनश्याम सैनी थे। उस घटना के बाद मैंने कुछ दिन के लिए पाकबड़ा छोड़ दिया था और ट्रक चलाने लगा था, लेकिन मन में हर पल उस अपमान को याद करता था।
मौ दीन र