
एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह में 11मध्यप्रदेश बटालियन राष्ट्रीय कैडेट कोर सागर के निर्देशानुसार एनसीसी इकाई द्वारा मिशन लाइफ 2025 लाइफ स्टाइल पर्यावरण के अंतर्गत 7 जून से 14 जून 2025 तक साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति श्रीमती पूजा मलैया, श्रीमती रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवं कुलगुरू प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के मार्गदर्शन और केयर टेकर अधिकारी डॉ. हृदय नारायण तिवारी के निर्देशन में किया गया। इस साप्ताहिक कार्यक्रम के समापन के अवसर पर एकलव्य विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरू प्रोफ़ेसर डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शैलेन्द्र जैन के साथ ही बड़ी संख्या में प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इसके बाद अतिथितियों का स्वागत पौधा देकर किया गया।
कार्यक्रम में पधारे कुलगुरू प्रोफेसर डॉ. पवन जैन ने विश्व रक्तदान दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बताया कि हम सभी को अपनी आदतों में परिवर्तन कर पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है साथ ही वेदों में पेड़ों की महिमा को रेखांकित किया। कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि हम सभी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहना होगा, नहीं वह तो वह दिन दूर नहीं जब हम सभी को शुद्ध पानी के लिए दूसरे पर आश्रित होना होगा। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शैलेन्द्र जैन ने मिशन लाइफ कार्यक्रम समापन के अवसर पर अपने उद्बोधन में बताया कि हम सभी को प्रकृति के प्रत्येक तत्वों का संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि प्रकृति पर ही हम सभी का जीवन निर्भर है। इस कार्यक्रम में अनेक कैडेट्स और विद्यार्थियों ने पृथ्वी संरक्षण पर आधारित पोस्टर बनाकर पृथ्वी के संरक्षण एवं संवर्धन की शपथ ली। कार्यक्रम संचालक एनसीसी सीटीओ डॉ. हृदय नारायण तिवारी ने समापन के अवसर पर सभी का आभार व्यक्त किया। डॉ. तिवारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि हम सभी को नियमित रूप से प्रकृति संरक्षण हेतु प्रयास करना चाहिए। इस साप्ताहिक कार्यक्रम में पर्यावरण से संबंधित विचार गोष्ठी के साथ ही स्वच्छता अभियान, पौधा रोपण, पौधों में पानी देना, पक्षियों हेतु जगह-जगह जलपात्र लगाना और नियमित पानी देना, पोस्टर प्रतियोगिता आदि शामिल किया गया। इसका मूल उद्देश्य प्रकृति से जीवन को जोड़कर रहने का संदेश देना है।अंत में सामूहिक राष्ट्रगान करके कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गयी।