
पीलीभीत – आना -जाना गुल हो जाना ! यह तो है अब नित का बहाना !!आये दिन बिजली इन्हीं कारनामों से लुका-छुपी का खेल नित्य ही करती आ रही है। उपभोक्ता बिजली की इस आँख मिचौली से विशद त्रास झेल रहे हैं। आरक्षण से लगे संविदाकर्मियों पर सुधार करने का सारा भार आरोप डाल दिया जाये तो भी निगम के उच्चाधिकारी अपने दायित्वों से नहीं बच सकते। आखिर ! भीषण गर्मी का कोपभाजन बने उपभोक्ता यह अत्याचार कबतक सहेंगे ? कब सुधर पायेगी निगम की विद्युत आपूर्ति नीति और कब मिल पायेगी निर्बाध सुचारु विद्युत आपूर्ति ?
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